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आखिरी दिन भी पुरानी पेंशन बहाली को गरजे शिक्षक कर्मचारी

कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के आवाहन पर शिक्षक व कर्मचारियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। आखिरी दिन विकास भवन पर जोरदार प्रदर्शन...

कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के आवाहन पर शिक्षक व कर्मचारियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। आखिरी दिन विकास भवन पर जोरदार प्रदर्शन...
1/ 3कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के आवाहन पर शिक्षक व कर्मचारियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। आखिरी दिन विकास भवन पर जोरदार प्रदर्शन...
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हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरFri, 31 Aug 2018 11:18 PM
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कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के आवाहन पर शिक्षक व कर्मचारियों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। आखिरी दिन विकास भवन पर जोरदार प्रदर्शन किया। जिसमें शिक्षक-कर्मचारियों ने एकत्र होकर अपनी आवाज को बुलंद किया। इसके बाद कलक्ट्रेट तक मार्च निकाल कर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया।

शुक्रवार को गर्मी और उमस के बीच जिले भर के शिक्षक व कर्मचारी भारी संख्या में विकास भवन में इकट्ठा हुए। दोपहर 12 बजे से धरना शुरू हुआ, तब तक विकास भवन प्रांगण खचाखच भर चुका था। इंकलाब जिंदाबाद के नारों से माहौल गूंजता रहा। इस बीच ब्लाकों से शिक्षकों और कर्मचारियों के जत्थे सभा स्थल पर पहुंचते रहे। शिक्षकों व कर्मचारियों के हुजूम को संबोधित करते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री व मंच के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि शिक्षक और कर्मचारियों के इन आंदोलनों से सरकार को आगाह किया जा रहा है कि हमारे बुढ़ापे का सहारा बहाल कर दिया जाए। मंच का एक-एक साथी दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ अपनी मांग पर अड़िग है। मंच का गठन संघर्ष के लिए ही किया गया है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन की लड़ाई हर स्तर पर मजबूती के साथ लड़ी जाएगी। उन्होंने आठ अक्तूबर को लखनऊ में होने वाली विशाल रैली की जानकारी दी। मंच के संयोजक व सभाध्यक्ष अनिल दीक्षित ने कहा कि आज की लड़ाई से भविष्य में लाभ मिलेगा, क्योंकि बुढ़ापे में पेंशन ही काम आती है। उन्होंने कहा कि हमारी आवाज को दबाने का प्रयास न किया जाए, बल्कि हमारी एकमात्र मांग को मान कर शिक्षक-कर्मचारियों के भविष्य को महफूज कर दिया जाए। मंच के महामंत्री अमित सिंह व चेयरमैन देवेश बाजपेई ने एकता की शक्ति बताते हुए हम एक हैं के नारे को बुलंद किया। इसके बाद संजय सिंह व अनिल दीक्षित के नेतृत्व में मार्च निकाल कर कलक्टे्रट में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर मीडिया प्रमुख सरताज अली, अनिल सिंह, अरविंद शर्मा, रवींद्र प्रजापति, उमेश भारती, सीमांत मिश्रा, मुनीश मिश्रा, जियाउददीन, हेमंत, अर्चना तिवारी, अरूण भदौरिया, यशपाल यादव, उर्मिलेश, अभिषेक, सुरेश मिश्रा, अजय वर्मा, ओमकार शुक्ला, पदम सिंह, प्रद्युम्न सिंह, जेपी सिंह, विनोद छावला, रामकुमार आदि मौजूद रहे।

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यह संगठन रहे मौजूद: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ, उप्र ग्रामीण पंचायत राज सफाई कर्मी संघ, अरबन मलेरिया फाइलेरिया कर्मचारी संघ, आंतरिक लेखा कर्मचारी संघ, डीआरडीए इंप्लाइज एसोसिएशन, उर्दू ट्रांसलेटर एसोसिएशन, कोषागार कर्मचारी संघ, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण अनु. कर्मचारी संघ, उप्र एजूकेशनल मिनिस्ट्रियल आफीसर एसोसिएशन, राजस्व संग्रह अमीन संघ, ग्राम विकास अधिकारी संघ, आईसीडीएस सुपरवाइजर संघ, वाणिज्यकर स्टाफ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन, कोषागार कर्मचारी संघ, मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन सिंचाई विभाग, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक एसोसिएशन, वित्त एवं लेखा कर्मचारी एसोसिएशन, बेसिक शिक्षा परिषद संघ, उप्र निबंधन लिमिटेड संघ, विकास भवन कर्मचारी संघ, पशुपालन विभाग मिनिस्टीरियल इंप्लाइज एसोसिएशन, पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ आदि राज्य कर्मचारी से सम्बद्ध संगठन रहे।

ज्ञापन में यह की गई मांग: नई अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत आने वाले शिक्षक-कर्मचारियों को इस बात की चिंता है कि उनकी जमा धनराशि को शेयर बाजार मे इंवेस्ट किया जाएगा, जहां से निश्चित मासिक आय की कोई गारंटी नहीं है। ऐसे में अपना पूरा जीवन काल सरकार को सेवाएं देने के बाद अनिश्चितता की जिंदगी को लेकर बेहद सशंकित हैं। जिले के सभी शिक्षक-कर्मचारी व अधिकारियों ने एक स्वर में मांग की कि रिटायरमेंट के बाद जीवन के आखिरी पड़ाव में अनिश्चितता से बचाने के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली की की जाए।

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