ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश शाहजहांपुरखेत में जलाए अवशेष तो कृषि योजनाओं से वंचित

खेत में जलाए अवशेष तो कृषि योजनाओं से वंचित

कृषि विभाग ने पर्यावरण प्रदूषित होने से बचाने के लिए एनजीटी ने निर्देश का पालन कराने के लिए ठोस कदम उठाए है। कृषि अफसरों ने गेहूं की कटाई के बाद फसल के अवशेष जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है।...

खेत में जलाए अवशेष तो कृषि योजनाओं से वंचित
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरTue, 17 Apr 2018 08:00 PM
ऐप पर पढ़ें

कृषि विभाग ने पर्यावरण प्रदूषित होने से बचाने के लिए एनजीटी ने निर्देश का पालन कराने के लिए ठोस कदम उठाए है। कृषि अफसरों ने गेहूं की कटाई के बाद फसल के अवशेष जलाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। अगर किसी भी किसान ने ऐसा किया और पकड़ा गया तो आर्थिक दंड डालने के साथ ही विभागीय योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा।

गेहूं की कटाई के बाद किसान हर वर्ष फसल के अवशेष को आग के हवाले कर देते हैं। ऐसे में वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ जाती है। जो स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती है। साथ ही खेत में अवशेष जलाने से मृदा का ताप बढ़ जाता है। जिसके चलते भूमि में पाए जाने वाले उपयोगी जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा भूमि की उर्वरा शक्ति भी नष्ट हो जाती है। ऐसे में एनजीटी ने अवशेषों के जलाने पर रोक लगा दी है। एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए कृषि अफसरों ने भी स्थानीय स्तर पर अवशेष जलाने पर सख्ती कर रखी है।

निगरानी के लिए ब्लाक स्तर पर तैनात कर्मचारियों को लगाया है। डीडी कृषि एके यादव ने बताया कि किसान भूलकर भी गेहूं की कटाई के बाद अवशेष न जलाएं। फसल उठाने के बाद किसान खेत में पानी भरकर छोड़ दे। जिससे बचे हुए अवशेष सड़कर खाद के रूप में बदल जाएंगे। जो भूमि के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होंगे।

2500 से 15 हजार का जुर्माना

गेहूं कटाई के बाद किसान अगर अवशेष जलाते हुए पकड़ा जाता है तो कृषि विभाग की योजनाओं से तो वंचित किया ही जाएगा। वहीं आर्थिक दंड भी डाला जाएगा। आर्थिक दंड किसान की भूमि के अनुसार डाला जाएगा। दो एकड़ से किसान के पास भूमि कम हैं तो 2500 रुपए का जुर्माना वसूल किया जाएगा। दो और पांच एकड़ भूमि होने पर पांच हजार रुपए और इससे अधिक भूमि होने पर 15 हजार का जुर्माना वसूल किया जाएगा।

सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी

स्थानीय स्तर पर जहां कृषि विभाग के माध्यम से फसलों के अवशेष जलाने की निगरानी की जा रही है, वहीं एनजीटी द्वारा सैटेलाइट के माध्यम से पूरी नजर बनाकर रखी जा रही है। ऐसे में किसान अवशेष न जलाए। अन्यथा की स्थिति में किसान पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें