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हैदलघाट से पैंटून पुल को हटाया, जिंदगी फिर नाव के सहारे

प्रशासन द्वारा बरसात के मद्देनजर इलाके के हैदलपुर गंगा घाट पर पैंटून पुल को हटा दिया गया है। बरसात से होने वाले नुकसान से ग्रामीणों की फसलों को बचाने के साथ पानी का बहाव ग्रामीण इलाकों में न हो,...

हैदलघाट से पैंटून पुल को हटाया, जिंदगी फिर नाव के सहारे
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरFri, 03 Jul 2020 02:03 AM
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प्रशासन द्वारा बरसात के मद्देनजर इलाके के हैदलपुर गंगा घाट पर पैंटून पुल को हटा दिया गया है। बरसात से होने वाले नुकसान से ग्रामीणों की फसलों को बचाने के साथ पानी का बहाव ग्रामीण इलाकों में न हो, इसलिए पैंटून पूल को बरसात होने के तीन माह तक के लिए हटा दिया गया है।

पूर्व में इलाके के हैदलपुर गंगा घाट पर पैंटून पुल निर्माण को लेकर बाबा शांतिदास, समाजसेवी नरेंद्र सिंह ने समर्थकों के साथ पुल के लिए आंदोलन किया था। समर्थन में गांव फरीदापुर निवासी बाबा रामसरन दास व गांव कुंडरा के बाबा राजेंद्र दास भी अनशन पर बैठे थे।जलालाबाद कस्बे के पश्चिम में करीब बीस किलोमीटर की दूरी में बहने वाली रामगंगा के दूसरी ओर परौर क्षेत्र है।

आसपास गांवों के तमाम ग्रामीणों के खेत रामगंगा के दोनों तरफ हैं।दोनों ओर के ग्रामीणों के द्वारा बड़ी तादात में सब्जी एवं फसलों के कारण ग्रामीणों को राहत मिलती है। पूर्व की भांति अब रामगंगा पर हैदलपुर घाट के पास पुल न होने के कारण स्थानीय लोग नाव के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं।

फरवरी 2019 में यहां पुल निर्माण को लेकर बाबा शांतिदास ने भूख हड़ताल की थी। तब एक सप्ताह बाद मौके पर पहुंचे तत्कालीन डीएम अमृत त्रिपाठी ने शासन की मंजूरी न मिलने तक पैंटून पुल बनवाने का वादा कर आंदोलन समाप्त करा दिया था। मगर, उनके चले जाने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। करीब दस महीने इंतजार करने के बाद बाबा शांतिदास ने दोबारा हड़ताल शुरू की है, तब जाकर 2020 के पैंटून पुल का निर्माण शुरू हुआ था, परन्तु बरसात सीजन में शुरू होने से पूर्व पैंटून पुल को हटा लिया गया।

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