नवजात को मिट्टी में दबाया, रोने की कराह से खुला इंसानियत का काला चेहरा
संक्षेप: Shahjahnpur News - जैतीपुर क्षेत्र में एक सप्ताह की नवजात बच्ची को नदी किनारे मिट्टी में दबा हुआ पाया गया। उसकी रोने की आवाज़ ने उसे बचा लिया। पुलिस ने उसे सही समय पर निकाला और अस्पताल में भर्ती किया। ग्रामीणों में गहरा...
जैतीपुर। जैतीपुर क्षेत्र से रविवार को ऐसी घटना सामने आई जिसने हर किसी की रूह कांप दी। नदी किनारे मिट्टी के नीचे दबाई गई एक सप्ताह की नवजात बच्ची की हल्की-सी कराह ने न सिर्फ उसकी जिंदगी बचाई बल्कि समाज के सामने इंसानियत का सबसे काला चेहरा उजागर कर दिया। गौहावर गांव के बबलू सुबह टहलते हुए भुड़िया जाने वाले रास्ते पर निकले ही थे कि कानों में मासूम की धीमी रोने की आवाज़ पड़ी। संदेह हुआ तो वे आवाज की दिशा में बढ़े और जो दृश्य सामने था, वह दिल को छलनी करने वाला था। मिट्टी से एक नन्हा हाथ बाहर झांक रहा था।
उस हाथ में गहरे जख्म थे, पंजा जंगली जानवरों ने नोच लिया था। पल भर के लिए समय जैसे थम गया। बबलू ने तुरंत ग्रामीणों को बुलाया, भीड़ जमा हो गई और पुलिस को खबर दी गई। सूचना पर पहुंचे एसआई इतेश तोमर ने बिना देर किए बच्ची को मिट्टी से बाहर निकाला। बच्ची की सांसें चल रही थीं, मगर वह बेहद कमजोर और जख्मी थी। उसके रोने की कराह सुनकर वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। पुलिसकर्मी उसे अपनी गाड़ी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची करीब एक सप्ताह की है, नाल कटा हुआ है और उसे नए कपड़े पहनाए गए थे। माथे पर टीका लगा था, मानो किसी ने उसे गोद में प्यार से सजाया हो और फिर उसी ने मिट्टी में दबा दिया। सोचकर ही लोगों की रूह कांप उठी। ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि जिसने भी यह कृत्य किया है, उसने न सिर्फ एक मासूम की जिंदगी से खेला बल्कि पूरे समाज की आत्मा को झकझोर दिया। बच्ची की हालत गंभीर है और उसका इलाज जारी है। थाना प्रभारी गौरव त्यागी ने बताया कि चाइल्ड केयर विभाग को सूचना दे दी गई है और बच्ची की देखभाल के लिए टीम आ रही है। दोषियों की तलाश शुरू हो चुकी है और जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।

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