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ट्रेनों की संख्या बढ़े, ठहराव हो तो कुछ बात बने

केन्द्रीय बजट में शाहजहांपुर के लोगों की एक ही सबसे बड़ी मांग है कि यात्री ट्रेनों की संख्या में इजाफा हो, साथ ही जिन ट्रेनों का ठहराव बंदकर दिया गया...

ट्रेनों की संख्या बढ़े, ठहराव हो तो कुछ बात बने
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरWed, 01 Feb 2023 05:30 PM
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शाहजहांपुर, संवाददाता।

केन्द्रीय बजट में शाहजहांपुर के लोगों की एक ही सबसे बड़ी मांग है कि यात्री ट्रेनों की संख्या में इजाफा हो, साथ ही जिन ट्रेनों का ठहराव बंदकर दिया गया है, उन ट्रेनों को फिर से शाहजहांपुर, रोजा, तिलहर और कटरा में ठहराव दिया जाए। ट्रेनों का ठहराव बंद होने के कारण जिले के साथ ही लखीमपुर खीरी के लोगों को भी बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि शाहजहांपुर वालों को देश के अन्य तमाम भागों में जाने के लिए लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद जाकर ट्रेनों को पकड़ना पड़ता है। इसी तरह से पहले लखीमपुर वाले शाहजहांपुर आकर ट्रेन पकड़ते थे, उन्हें भी अब लखनऊ, सीतापुर से ट्रेन में सवार होना पड़ रहा है। रोजा में भी ट्रेनों का ठहराव बंद हो गया, लेकिन उन्हें शाहजहांपुर आकर ट्रेन पकड़नी पड़ती है। साथ ही लोगों ने रेलवे स्टेशनों पर भी सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है। शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर एक्सेलेटर लगाने की बात 2017 से शुरू हुई, लेकिन अब तक यह सुविधा नहीं मिल सकी है। एक्सेलेटर लगे तो बुजुर्गों को बहुत आराम हो जाएगा, उन्हें अभी एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने के लिए सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

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शाहजहांपुर-पीलीभीत रूट पर बढ़ाई जाएं ट्रेनें

=शाहजहांपुर-पीलीभीत रूट पर अब बड़ी लाइन हो गई है, काफी वक्त तो ट्रायल में ही निकल गया। हजारों लोगों का पहले आवागमन ट्रेन से ही होता था, लेकिन कई साल से ब्राडग्रेज का काम होने के कारण ट्रेनों का आवागमन बंद हो गया। अब ट्रायल हो चुका है, लेकिन अभी ट्रेनों का आवागमन सुचारू नहीं है, ऐसे में लोगों ने मांग की है कि शाहजहांपुर और पीलीभीत के बीच में ट्रेन संचालन सुचारू किया जाए और ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए।

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मैलानी-शाहजहांपुर-फर्रुखाबाद रेल सेवा शुरू हो

=अंग्रेजों के जमाने में फर्रुखाबाद से शाहजहांपुर से होते हुए मैलानी तक ट्रेन आती-जाती थीं। बाद में यह रूट बंद कर दिया गया। इस रूट पर फिर से रेल सेवा शुरू करने की मांग सालों से हो रही है। हर बार लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा उठता है। जीतने के बाद सांसद इस रूट को शुरू करने की मांग संसद में उठाते हैं, लेकिन इस पर सर्वे के साथ ही पूरी कहानी सिमट जाती है। इस बार लोकसभा सदस्य अरुण सागर और राज्यसभा सदस्य मिथिलेश कुमार ने भी संसद में मामले को पुरजोर तरीके से रखने का दावा किया, वह रेल मंत्री से भी मिले, लेकिन अब तक कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आए।

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पहले की तरह हो ट्रेनों का ठहराव

=फोटो नंबर 39:

सेवानिवृत रेल कर्मचारी विजय सिंह का कहना है कि रोजा में कई वर्षों से ट्रेनों का ठहराव होता चला आ रहा था। कोरोना काल के बाद भी रोजा में रुकने वाली ट्रेनों का ठहराव समाप्त कर दिया गया। रोजा स्टेशन पर ट्रेनों के न रुकने से नगर वासियों को ट्रेन से सफर करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अच्छा होगा अगर सरकार यहां पर पहले की तरह से ही ट्रेनों का ठहराव शुरू कर दे।

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सहूलियत मिले तो रेलवे को भी हो फायदा

=फोटो नंबर 40=

रोजा नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन अजय गुप्ता उर्फ पोता का कहना है कि पहले यहां पर अधिकतर ट्रेनों का ठहराव होता था। टिकट भी बिकते थे। आसपास गांव के लोग आसानी से रोजा में आकर ट्रेन से अपना सफर कर लेते थे। ट्रेनों का ठहराव बंद होने आमजन काफी परेशानी हुई । आने वाले बजट में सरकार को रोजा में ट्रेनों के ठहराव की मंजूरी देनी चाहिए, जिससे लोगों को सहूलियत मिलेगी और रेलवे को भी फायदा होगा।

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लखनऊ-दिल्ली का सफर आसान करें सरकार

=फोटो नंबर 41=

बीजेपी के महानगर महामंत्री अरविंद राजपाल का कहना है कि जिन ट्रेनों का ठहराव बंद कर दिया है, उनका ठहराव करना चाहिए, जब स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव होगा तो लोग सफर करेंगे। टिकटों की बिक्री होगी। रेल का राजस्व भी बढ़ेगा। नगर वासियों को भी लखनऊ, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद आदि जगहों पर आने जाने में आसानी होगी।

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ट्रेन बढ़ाएं, मिलेगी व्यापारियों को राहत

=फोटो नंबर 42=

व्यापारी ब्रज किशोर सक्सेना का कहना है कि व्यापारियों को शाहजहांपुर से दूसरे शहरों में व्यापार के संबंध में आना जाना अक्सर होता है, लेकिन तीन साल से दिक्कत होने लगी है। टे्रनों का स्टापेज कम कर दिया गया, नई कोई ट्रेन चलाई नहीं गई। व्यापारियों को सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ता है, अगर ट्रेनों की सुविधा बढ़े तो व्यापारियों को आराम हो जाएगी।

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