ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश शाहजहांपुरबसंती बाघिन मौज में, छह गांव के लोग टेंशन में

बसंती बाघिन मौज में, छह गांव के लोग टेंशन में

गांव नगला इब्राहिम की बसंती बाघिन मौज में है। जंगल की रानी लगातार प्रभाव क्षेत्र बढ़ा रही है। गुरुवार रात बसंती शिकार का पीछा करते परमानंदपुर गांव...

बसंती बाघिन मौज में, छह गांव के लोग टेंशन में
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरFri, 19 Feb 2021 11:10 PM
ऐप पर पढ़ें

गांव नगला इब्राहिम की बसंती बाघिन मौज में है। जंगल की रानी लगातार प्रभाव क्षेत्र बढ़ा रही है। गुरुवार रात बसंती शिकार का पीछा करते परमानंदपुर गांव पहुंच गयी। इससे गांव में हड़कम्प मचा हुआ है।

विगत दो महीने से इलाके के नगला इब्राहिम, नगला मधा, हतसा, अलियापुर, मकरंदापुर और परशुरामपुर गांव के लोगों की जान सांसत में है। वजह नगला इब्राहिम गांव के करीब गन्ने को ठिकाना बनाए बाघिन है। लोग उसे बसंती कहने लगे हैं। बाघिन इन गांवों के करीब पांच वर्ग किमी क्षेत्र में बेखौफ विचरण करती है। तीन सप्ताह से वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट के प्रोजेक्ट टाइगर की टीम जंगल की रानी के पीछे लगी है, लेकिन चौकन्नी बसंती हाथ नहीं आ रही। इलाके में बीस कैमरे और दो पिंजरे लगे हैं। बसंती पिंजरों और कैमरों के आसपास नहीं फटक रही। दो सप्ताह में हजारों रूपये खर्चने के बावजूद आपरेशन बाघिन अब तक बेनतीजा है। टीम और वन विभाग के 12 कर्मियों को बसंती ने थका दिया है। अब तक बसंती के पगचिन्ह और कैमरों से चंद फुटेज ही टीम के हाथ लगे हैं।

दो पिंजरे मकरंदापुर और नगला मधा गांव के पास लगे हैं जबकि बाघिन नगला इब्राहिम गांव के अपने ठिकाने पर मौज काट रही है। करीब पांच किमी गन्ना बाहुल्य इलाके में बसंती रोजाना सुउर, सियार और छुट्टा गौवंश का शिकार कर रही है। भयभीत ग्रामीण जंगल का रुख नहीं कर रहे। इलाके में खेतीबाड़ी के काम बंद हैं। फसलें बरबाद होने से ग्रामीण परेशान हैं। भय से ग्रामीण रात को घरों में भी सो नहीं पा रहे। शाम नगला इब्राहिम गांव की नहर में बाघिन सुअर का पीछा करते हुए दो किमी दूर गांव परमानंदपुर पहुंच गयी। सुअर और बाघिन की आवाजें सुनकर ग्रामीण सहम गये| गांव से सटे गन्ने के खेत से काफी देर तक आवाजें आती रहीं। शुक्रवार को सुबह नहर में बाघिन और सुअर के पगचिन्ह मिले तो हड़कम्प मच गया। दहशत से ग्रामीणों के चेहरे फक हो गये| गांव के चारों तरफ घना गन्ना होने से ग्रामीण सहमे हुए हैं।

ग्रामीणों को बाघिन घरों तक आ जाने का खतरा है। वन कर्मियों ने निरीक्षण कर पुष्टि करने के बाद ग्रामीणों को गन्ने के खेतों से दूर रहने की हिदायत दी। ग्रामीणों का कहना है गन्ने की कटाई न होने से परची कैंसिल हो रही हैं। गन्ना खेतों में सूख जाने से भारी नुकसान होगा। दहशतजदा ग्रामीण बच्चों को भी गांव के बाहर नहीं जाने दे रहे।

सूख गई फसल, अब मवेशियों का चारा

=बाघिन के भय से इलाके में सैकड़ों बीघा गेहूं और सरसों की फसल बरबाद हो गयी है। समय पर खाद पानी न मिलने से मोटी लागत की फसलें नष्ट हो गयी हैं। रात को रखवाली न होने से फसलों को छुट्टा गौवंश ने भी खूब चट किया है। किसान अब खराब हो चुकी गेहूं और सरसों को काटकर पशुओं को खिला रहे हैं।

रामऔतार का एक एकड़ गेहूं खराब

=हतसा गांव के राम औतार ने कहा खाद पानी न मिलने से एक एकड़ गेहूं खराब हो गया। परमानंदपुर गांव के पूर्व प्रधान रामसुधार, विमलेश गंगवार, हरिओम, विनोद कुमार, चंद्र प्रकाश आदि ने कहा वन कर्मी बाघिन को पकड़ने के बजाय उसके चले जाने का इंतज़ार कर रहे हैं। किसानों की रोजी रोटी और जान जोखिम में है।

नहीं लौटी टीम

=आपरेशन बाघिन में जुटी वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट की टीम बुधवार को मुख्यालय पीलीभीत गयी है। आपरेशन की अगली रणनीति पर विचार विमर्श के लिए टीम को अफसरों ने तलब किया है। लखनऊ में बोर्ड बाघिन को ट्रेक्युलाईज कर पकड़ने का भी फैसला कर सकता है। टीम के लौटने पर ही अगली रणनीति का खुलासा होगा।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें