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जीवन की डोर टूटते ही संकट से घिर गया गुरुजी का परिवार

इस्लामियां इंटर कालेज के प्रिसिंपल मोहम्मद आमिन का कोविड की जद में आने से इंतकाल हो गया...

 जीवन की डोर टूटते ही संकट से घिर गया गुरुजी का परिवार
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरSat, 29 May 2021 10:20 PM
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इस्लामियां इंटर कालेज के प्रिसिंपल मोहम्मद आमिन का कोविड की जद में आने से इंतकाल हो गया था। वह स्कूल में आने-जाने के दौरान साथियों के संपर्क में आने के चलते संक्रमित हो गए थे। उनके निधन के बाद इकलौते बेटे के सामने कई बाधाएं खड़ी हो गईं। एक तो वालिद का वेतन बंद हुआ। ऊपर से उन्हें सरकारी पत्रावली को बनवाने को दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। ऐसे में मां और बहन भी काफी ज्यादा परेशान हैं।

बाडूजई पेशावरी निवासी मोहम्मद आमिन इस्लामियां इंटर कालेज में प्रिसिंपल थे। पंचायत चुनाव में उनकी ड्यूटी नहीं लगी थी, लेकिन चुनाव कराने वाले दूसरे टीचरों के संपर्क में आने से वह पॉजीटिव हो गए थे। उनकी तबियत बिगड़ी तो मेडिकल कालेज में आठ मई को भर्ती कराया। उस समय कोरोना पीक पर था। आक्सीजन के लिए मारा-मारी मची थी। एक-एक सिलेंडर मिलना काफी दिक्कत भरा था। आमिन को भी आक्सीजन नहीं मिल पाई। जिसके चलते उनका इंतकाल हो गया। उनकी सांसों की डोर टूटने के बाद उनके परिवार के लिए संकट का दौर शुरू हो गया। हमेशा अपने व्यवहार से दूसरों को अपना बनाने वाले आमिन का बेटा मोहम्मद आदिल अब वारिसान प्रमाण पत्रों के लिए नगर निगम से पटल-टू-पटल चक्कर लगाने को मजबूर है। आमिन का इंतकाल होने से वेतन आना भी बंद हो गया। बेटा मोहम्मद आदिल बेरोजगार हैं। उनकी मां कनीजा बेगम और बेटी बुशरा परवीन ही परिवार में रह गया।

आदिल की मानें तो पापा के मृत्यु प्रमाण पत्र में नाम गलत था। उसे सही करा लिया। परन्तु, कोविड रिपोर्ट में आमिन की जगह यामिन दर्ज करा दिया। नाम करेक्शन के लिए चक्कर काटकर परेशान हो गए। उस समस्या का हल निकलने के बाद अब वारिसान प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा। जिसके चलते क्लेम भी नहीं भर पाए हैं। डाक्यूमेंट पूरे न होने के चलते सारे काम रुक गए हैं।

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