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महा हड़ताल : कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, बंद रहे बैंक और डाकघर, निकाला जुलूस

केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक, डाकघर, ट्रेड यूनियन व कर्मचारी संगठनों की महा हड़ताल बुधवार को जारी रही। दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सभी बैंकों की शाखाएं और डाकघर बंद...

केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक, डाकघर, ट्रेड यूनियन व कर्मचारी संगठनों की महा हड़ताल बुधवार को जारी रही। दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सभी बैंकों की शाखाएं और डाकघर बंद...
1/ 3केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक, डाकघर, ट्रेड यूनियन व कर्मचारी संगठनों की महा हड़ताल बुधवार को जारी रही। दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सभी बैंकों की शाखाएं और डाकघर बंद...
केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक, डाकघर, ट्रेड यूनियन व कर्मचारी संगठनों की महा हड़ताल बुधवार को जारी रही। दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सभी बैंकों की शाखाएं और डाकघर बंद...
2/ 3केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक, डाकघर, ट्रेड यूनियन व कर्मचारी संगठनों की महा हड़ताल बुधवार को जारी रही। दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सभी बैंकों की शाखाएं और डाकघर बंद...
केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक, डाकघर, ट्रेड यूनियन व कर्मचारी संगठनों की महा हड़ताल बुधवार को जारी रही। दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सभी बैंकों की शाखाएं और डाकघर बंद...
3/ 3केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक, डाकघर, ट्रेड यूनियन व कर्मचारी संगठनों की महा हड़ताल बुधवार को जारी रही। दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सभी बैंकों की शाखाएं और डाकघर बंद...
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरThu, 10 Jan 2019 12:54 AM
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केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक, डाकघर, ट्रेड यूनियन व कर्मचारी संगठनों की महा हड़ताल बुधवार को जारी रही। दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन सभी बैंकों की शाखाएं और डाकघर बंद रहे।

कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की। वहीं दो दिवसीय हड़ताल की वजह से बैंकों व डाकघरों में लेनदेन पूरी तरह प्रभावित रहा। इसके साथ ही बैंकों में रुपया नहीं मिलने के कारण लोग एटीएम के चक्कर लगाते देखे गए। पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों की हड़ताल से जहां निर्माण कार्यो पर रोक लगी रही, वहीं बिजली कर्मचारियों ने भी कार्यबहिष्कार किया।

बैंक व बीमा कर्मियों ने निकाला जुलूस

ऑल इंडिया इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन, बीमा कर्मी संघ व अखिल भारतीय बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन की संयुक्त संघर्ष समिति की हड़ताल रही। दूसरे दिन सभी बैंक व बीमा कर्मचारी एलआईसी कार्यालय पर इकट्ठा हुए। जहां से जुलूस के रूप में निकले और बैंक शाखाओं के बाहर प्रदर्शन किया। इस बीच अतुल मेहरोत्रा ने कहा कि केंद्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण ही दो दिवसीय हड़ताल पर जाना पड़ा। उनकी मांग पेंशन की पुरानी व्यवस्था को बहाली, न्यूनतम वेतन का निर्धारण, वेतन पुनरीक्षण बिल लागू करना, सेवाओं पर जीएसटी हटाना, सार्वजनकि क्षेत्र में बैंकों को सुदृढ़ करना आदि हैं। इसके बाद भी सरकार ने कर्मचारियों का शोषण बंद नहीं किया, अनिश्चतकालीन हड़ता शुरू की जाएगी। इस मौके पर आर एनतिवारी, सुरेंद्र प्रताप सिंह, राजीव राठौर, आरके अवस्थी, मोहम्मद शमीम आजाद, अतुल, चंद्रशेखर, राजेश सक्सेना, अरुण आदि शामिल रहे।

मुख्य डाकघर गेट डाक कर्मियों का प्रदर्शन

ऑल इंडिया पोस्टल एंप्लाइज यूनियन ग्रुप सी के आवाहन पर बुधवार को महा हड़ताल के दूसरे दिन मुख्य डाकघर के गेट पर प्रदर्शन किया गया। मंडलीय सचिव सुरेंद्र कुमार ने कहा कि डाक जीवन बीमा और ग्रामीण डाक जीवन बीमा के लिए एक अलग कंपनी बनाने का काम किया जा रहा है, जो सरासर गलत है। सरकार की इन्ही कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल की जा रही है। उनकी मांग है कि कमलेश चंद्र कमेटी की सकारात्मक संतुतियों को लागू नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग भी काफी समय से लंबित है। सरकार के नकारात्मक रवैए के चलते पोस्टल जेसीए व अन्य केंद्रीय श्रम संगठन दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। हड़ताल व प्रदर्शन में मंडलीय सचिव आसाराम, मंडलीय सचिव वीरेश कुमार सिंह, अरविंद, राघवेंद्र प्रताप सिंह, विष्णु दत्त मिश्रा, राजीव कुमार सिंह, शाहिद सिद्दीकी, अजय कुमार सिंह आदि शामिल रहे।

राज्य कर्मचारियों का रामलीला मैदान में धरना

राज्य कर्मचारी महासंघ से जुड़े संगठनों ने खिरनीबाग रामलीला मैदान में धरना प्रदर्शन किया। जिसमें राज्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्राथमिक संवर्ग, ग्राम रोजगार सेवा एसोसिएशन, आशा संघ, संगिनी संघ, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिका संघ महासंघ, चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं परिवार कल्याण, ग्राम पंचायत राज सफाई कर्मचारी संघ, निर्माण विभाग खंड एक, पशुपालन विभाग संघ के पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहे। धरना स्थल पर महासंघ के जिलाध्यक्ष उमेश कुमार भारती ने कहा कि राज्य कर्मचारी अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल हुए हैं। उनकी मांग है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए, साथ ही सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम 26 हजार रुपये राज्य कर्मचारियों को दिए जाए। संविदा और आउटसोर्सिंग व्यवस्था बंद कर नियमित नियुक्तियों की जाए।

आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिकाओं ने दिया धरना

महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने मंगलवार को हड़ताल में शामिल होकर धरना प्रदर्शन किया। खिरनीबाग रामलीला मैदान में धरना दिया गया। इस बीच संघ की जिलाध्यक्ष पदमा रस्तोगी ने कहा कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के कारण आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिकाओं के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। सरकार आए दिन तमाम तरह काम सौंपकर लेबर एक्ट का उल्लंघन कर रही है। कई ड्यूटी एक साथ लगाकर शोषण किया जा रहा है। लेकिन समय से मानदेय नहीं दिया जा रहा। इस मौके पर जिला प्रभारी विश्व मोहन भारद्वाज, राजेश्वरी, मुन्नी देवी, कुसमा देवी, सावित्री देवी, मनोरमा, कमला यादव, सीता गुप्ता आदि शामिल रहीं।

ड्राइवर यूनियन ने किया धरना प्रदर्शन

ड्राइवर यूनियन का धरना प्रदर्शन खिरनीबाग रामलीला मैदान में हुआ। अध्यक्ष पवन कुमार शर्मा ने कहा कि देश में सड़क परिवहन संकट में है। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमत, बीमा प्रीमियम, टोल शुल्क में बढ़ोत्तरी से ड्राइवरों में रोजगार को लेकर असुरक्षा बढ़ रही है। यूनियन की मांग है कि एबी एक्ट संशोधन विधेयक वापस लिया जाए, गैर संगठित सड़क परिवहन मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा अधिनियम लागू होना चाहिए। ड्राइवरों का श्रम विभाग में पंजीकरण किया जाए। गैर संगठित सड़क परिवहन मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी 24000 तय करने समेत कई मांगे शामिल हैं। धरना देने वालों में दुर्गेश शुक्ला, सोनू दीक्षित, संतोष राठौर, अनिल, बिरजू, कुलदीप, मोहित, रमेश चंद्र, तौसीफ, नासिर आदि शामिल रहे।

पुरानी पेंशन बहाली को गरजे पीडब्ल्यूडी कर्मचारी

राज्य कर्मचारी महासंघ के आवाहन पर मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन समेत पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों ने कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। बुधवार को पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर आवाज बुलंद की गई। महासंघ अध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने कहा कि उनकी मुख्य मांग एक अप्रैल 2005 को लागू नई पेंशन को समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए। अगर सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेगी, तो कर्मचारी आंदोलन करेंगे। विजेंद्र विक्रर्म ंसह, प्रतीक गुप्ता, मोहम्मद रईस, केके सक्सेना, रंजीर्त ंसह, विजेंद्र विक्रम सिंह, रामबाबू, रामबहादुर, फिरोज अली, मोहम्मद साबिर अली, सत्यम दीक्षित आदि मौजूद रहे।

बिजली कर्मचारियों ने कार्यबहिष्कार कर दिया धरना

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आवाहन पर बिजली कर्मचारियों ने कार्यबहिष्कार कर धरना दिया। एक्सईएन कार्यालय पर धरना प्रदर्शन बिजली कर्मचारियों ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2018, निजी करण का विरोध किया। इस बीच पुरानी पेंशन प्रणाली लागू करने, बिजली निगमों का एकीकरण, प्रदेश राज्य विद्युत परिषद का पुनर्गठन, आगरा, नोएडा का निजीकरण, सरकारी क्षेत्र के ताप बिजली घरों का नवीनीकरण व उच्चीकरण करने समेत कई मांगों की गई। धरना प्रदर्शन करने वालों में आरबी यादव, प्रशांत गुप्ता, राकेश कुमार, सत्येंद्र कुमार, हरिओम, रामकृपाल, राजकुमार कुर्मी, सतीश जयसवाल, प्रशांत सिंह, केके शर्मा, राम सिंह, सुखपाल सिंह, अजय कुमार, संजय, सुशील मिश्रा, संत कुमार सागर आदि शामिल रहे।

मेडिकल एंड रिप्रजेंटिव ने निकाली बाइक रैली

उत्तर प्रदेश उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन ने बुद्धवार की महहड़ताल के दूसरे दिन बाइक रैली निकाली। अध्यक्ष मुरारी दीक्षित के नेतृत्व में निकाली बाइक रैली लाल इमली चौराहा से घंटाघर बहादुर गंज खिरनीबाग चौराहा से कलेक्ट्रेट पहुंची जहां प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। इस बीच मुरारी ने कहा कि सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के विरोध में हड़ताल की जा रही है। इस समय देश का मजदूर और कर्मचारी वर्ग देश व प्रदेश सरकार की नीतियों से काफी नाराज है। कई बार वार्ता व मांग पत्र देने के बाद भी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।

अब देश के सभी मजदूर कर्मचारियों के पास से हड़ताल का रास्ता ही बचा है। इस हड़ताल से हमारी मांग है कि सेल्स प्रमोशन इम्प्लाइज के लिए वैधानिकता कार्य नियम सूचित किये जायें। 8 घंटे के काम के समय लागू ही। उस कंपनी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए जो सेल्स प्रमोशन एक्ट 1971 में किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करती हों। बाइक रैली में मनोज अवस्थी, गौरव गुप्ता, मोहित, जितेंद्र, आरिफ, तौहीद आलम, रोहित आदि शामिल रहे।

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