सुरजूपुर गांव में एक झोपड़ी नुमा मकान में रविवार रात आग लग गई। आग की लपटों को देख दंपति ने बाहर की ओर भाग अपनी जान बचाई। ग्रामीणों ने बाल्टियों से पानी डाल किसी तरह आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक सबकुछ राख हो चुका था।
वीरपाल परिवार वालों के साथ रविवार रात खाना खाकर सो गया। इसी दौरान अचानक उनके झोपड़ी नुमा मकान में आग लग गई। वीरपाल की आंख खुल गई। लपटों को देख परिवार के साथ बाहर की ओर भागा। उसकी चीख-पुकार की आवाज सुन ग्रामीण अपने घरों से बाहर आ गए। बाल्टियों से पानी भर डाल आग बुझाई। वीरपाल के तीन बेटे हैं, जो बाहर मजदूरी कर अपना पालन पोषण करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वीरपाल व उसकी पत्नी जली गृहस्थी को देख गुमसुम हो गई है।