फादर्स डे पर पिताजी के चरणों को धोकर सेवा का लिया संकल्प
मनीषी ताइक्वांडो वेलफेयर एसोसिएशन के समर कैंप में रविवार को फादर्स डे मनाया गया। बच्चों ने अपने पापा को गुलाब का फूल और ग्रीटिंग कार्ड देकर प्यार जताया। इस दौरान पिता के जीवन और संघर्षों को नमन किया...
मनीषी ताइक्वांडो वेलफेयर एसोसिएशन के समर कैंप में रविवार को फादर्स डे मनाया गया। बच्चों ने अपने पापा को गुलाब का फूल और ग्रीटिंग कार्ड देकर प्यार जताया। इस दौरान पिता के जीवन और संघर्षों को नमन किया गया। मुख्य अतिथि मीडियाकर्मी ओंकार मनीषी ने कहा कि पिता अपने संचित सदगुणों का उसके जीवन में प्रवेश करता है। दैहिक, भौतिक, दैविक तापों से रक्षा करता है और संकट के समय खुद का उत्सर्ग कर अपने बेटे की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संसार में पिता और गुरु दो ही ऐसे व्यक्ति हैं, जो अपने बेटे या शिष्य को अपने से आगे बढ़ता देख और युद्ध में हारकर के भी प्रसन्नता का अनुभव करते है। विशिष्ट अतिथि ब्रजेश सक्सेना ने कहा कि पिता एक ऐसी छत के समान होता है जिसकी छत्र छाया में पूरा परिवार निश्चिंत होकर जीवनयापन करता है। पिता के लिए बेटा और बेअी दोनों आंखों की तरह होते हैं। वह किसी में भेद नहीं करता, बल्कि अपनी पूरी शक्ति से दोनों को सुखी, सम्पन्न व शिक्षित करने में लगा रहता है। इससे पहले फादर्स डे पर सभी प्रतिभागी बच्चों के पापा-मम्मी का सम्मान किया गया। डा. पुनीत मनीषी, शिवम सक्सेना और पार्थ ने अपने पिताजी के चरणों को जल से धोकर जीवन भर उनकी सेवा का संकल्प लिया। शीश नवाकर उनके दीर्घायु व निरोगी जीवन की कामना की गई । ऐशन्या मनीषी,अंशी, इशिता, पीहू, काजल, अंजली, अभय, प्रांजल, मालिका, उदय, सुखमनि ने कविता, सीपच, गाने और विचार रखे। इसके अलावा कैंप के प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर डा. गौरव कौशल, कुमार सर, डा. विकास खुराना, संदीप, कुणाल, प्रिया, सुखमनी कौर, सेजी, ऋषभ खुराना, सरन, शुभम सक्सेना, पलक सक्सेना, निधि यादव, शिखा राठौर, तृप्ता खुराना आदि का सहयोग रहा।