शाहजहांपुर। हिन्दुस्तान संवाद
ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक पुवायां मनीष शुक्ला एवं सचिव सहकारी गन्ना विकास समिति पुवायां विनोद कुमार यादव के साथ निगोही, मकसूदापुर एवं अजबापुर चीनी मिल के क्रय केन्द्रों का निरीक्षण किया। क्रय केन्द्रों पर उपस्थित किसानों को बसंतकालीन गन्ना बुवाई के प्रति जागरूक किया। किसानों को बताया गया कि जिन खेतों में रेड रॉट नामक बीमारी लगी है, उनमे फसल चक्र अपनाये, गन्ना किस्म को 0238 में यह बीमारी अधिक है, इसलिए इसके स्थान पर अन्य किस्मों को. 0118, कोशा 08272, कोलख.94184 का गन्ना बोयें।
एक आंख के टुकड़े की बुवाई करें। बुवाई से पहले कवकनासी रसायन से गन्ना बीज को उपचारित अवश्य कर लें। रोग से प्रभावित पौधे गन्ने से पेड़ी न लें। फसल की रोग रोधी क्षमता बढ़ाने के लिये 125 किग्रा प्रति हेक्टेयर म्यूरेट ऑफ पोटाश का प्रयोग करें।
बीज नर्सरी में लाइन से लाइन की दूरी कम से कम 4 फ़ीट रखें, जिससे पूरे साल गन्ना बीज नर्सरी की समुचित देखभाल की जा सके। रोग ग्रसित पौधों को जड़ सहित उखाड़ कर नष्ट कर दें। रिक्त स्थान पर 5-10 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर डाल कर मिट्टी से ढक दें। रोग ग्रसित खेतों की मेड़बंदी करें, ताकि रोग ग्रसित खेत का पानी दूसरे खेतों में न जाये। किसान चीनी मिलों में भी गन्ना बीज को उपचारित करा सकते हैं। खेत में बुवाई से पहले ट्राइकोडर्मा का प्रयोग करें, यदि आगामी पेराई सत्र में रेड रॉट वाले खेतों में गन्ना बुवाई की गयी तो सट्टा संचालन भी बाधित किया जा सकता है। इस दौरान जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम मौजूद रहे।