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किसानों ने मोड़ा आलू की खेती से मुंह, घटा क्षेत्रफल

इस साल आलू की खेती के क्षेत्रफल में गिरावट आ गई। वजह है कि आलू का दाम उम्मीद के मुताबिक किसानों को नहीं मिल सका...

किसानों ने मोड़ा आलू की खेती से मुंह, घटा क्षेत्रफल
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरMon, 11 Dec 2017 10:53 PM
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इस साल आलू की खेती के क्षेत्रफल में गिरावट आ गई। वजह है कि आलू का दाम उम्मीद के मुताबिक किसानों को नहीं मिल सका है। जिस वजह से किसानों ने खेती करने से इंकार कर दिया। आंकड़ों पर नजर डालें तो आलू की खेती में एक हजार हेक्टेयर की गिरावट आई है। हालांकि, उद्यान विभाग किसानों को आलू की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद आलू की खेती करने वाले किसानों को सौगात दी गई थी। आलू का समर्थन मूल्य 487 रूपये घोषित करते हुए सरकार ने राहत देने का काम किया था। समर्थन मूल्य आने के बाद किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। लेकिन, हर बार की तरह उन्हें आलू का सही रेट नहीं मिल सका। आलू का बेहतर रेट पाने की उम्म्ीद में काेल्ड स्टोर से बोरियां नहीं निकालने वाले किसान बर्वाद हो गए। चूंकि, वर्तमान में आलू का दाम काफी कम है। ऐसे में कोल्ड स्टोर मालिकों ने नया आलू आने का समय होने पर पुराने वाले को निकालकर फेंक दिया। लगातार आलू की खेती से मायूस झेल रहे किसानों ने बड़ा कदम उठाया। बहुत से किसानों ने आलू की खेती करने से इंकार कर दिया। जिसके चलते क्षेत्रफल में गिरावट आएगी। जिला उद्यान अधिकारी जयराम वर्मा ने बताया कि आलू की खेती के क्षेेत्रफल में कमी आई। पिछले साल जहां साढ़े दस हजार हेक्टेयर का टारगेट था। यह इस बार साढ़े नौ हजार रह गया है।----------------------------पुराना आलू को पसंद नहीं कर रहे लाेग=नवम्बर महीने से नए आलू की आवक शुरू हो जाती है। हालांकि, इस बार नया आलू 15 दिन देरी से आया है। नया आलू आने की वजह से पुराने की पकड़ ढीली हो गई। जिसके चलते बेहतर दाम की आस में कोल्ड स्टोर में आलू रखने वालों को झटका लगा है। वहीं नए आलू की खुदाई भी शुरू हो गई है।----------------------------मीठा हो जाता है आलू=नए आलू की तुलना में लोग पुराने का कम ही पसंद करते हैं। उसकी वजह है कि ज्यादा सूख जाने की वजह से पुखराज नाम का आलू मीठा हो जाता है। जिसकी वजह से लोग पुराने आलू को खरीदने से इंकार कर देते हैं।

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