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रुपया देखकर आंखें चौंधियाईं, लालच बढ़ा और फंस गए सिपाही

ज्यादा लालच का फल क्या होता है, यह जानना चाहते हैं तो सोमवार शाम को उन सिपाहियों का हाल देख लीजिए, जिनकी नियत 50 लाख रुपया घोट जाने के लिए खराब हो गई थी। काशीपुर ले जाए जा रहे 50 लाख रुपये को हड़पने...

रुपया देखकर आंखें चौंधियाईं, लालच बढ़ा और फंस गए सिपाही
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरTue, 20 Nov 2018 01:16 AM
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ज्यादा लालच का फल क्या होता है, यह जानना चाहते हैं तो सोमवार शाम को उन सिपाहियों का हाल देख लीजिए, जिनकी नियत 50 लाख रुपया घोट जाने के लिए खराब हो गई थी। काशीपुर ले जाए जा रहे 50 लाख रुपये को हड़पने की नियत रखने वाले सिपाही अब पुलिस की हिरासत में हैं। वह प्रथम दृष्टया कार को गलत मकसद से रोकने के दोषी तो पाए ही गए हैं, ऐसा आईजी डीके ठाकुर ने कहा है।

आईजी ने कहा कि अगर उनके खिलाफ कुछ लिख कर दे दिया गया तो जेल तो जाएंगे ही, साथ ही सिपाही नौकरी से भी हाथ धो बैठेंगे। काशीपुर की धागा कंपनी के कर्मचारी और उसकी कार चालक को कई घंटे तक बंधक बनाए रखने और सिपाहियों को हिरासत में लिए जाने तक का पेश है पूरी पड़ताल।

एक तमंचा और नौ कारतूस भी रख दिए कार में

सिपाहियों ने कार में एक तमंचा और नौ कारतूस भी रख दिए थे। बताया जाता है कि सीट के नीचे से तमंचा और कारतूस निकाल कर कर्मचारी को दिखाते हुए धमकाया और डराया था। जलालाबाद पुलिस ने 50 लाख रुपए के साथ ही कार से तमंचा और कारतूस भी बरामद किया है।

मुखबिरी के बाद बनाया प्लान

ऐसे रोकी कारशाहजहांपुर एसओजी में कभी महेंद्र सिंह, सत्यदेव और उनका एक और साथी तैनात हुआ करते थे। गाढ़ी दोस्ती थी, वह एकदूसरे के हमराज भी थे। एसओजी के बाद महेंद्र सिंह पहले जलालाबाद में अब तिलहर में तैनात है। सत्यदेव और उसका साथी पुलिस लाइंस में तैनात हैं। चूंकि एसओजी में थे तो संपर्क सूत्रों को वह आज भी जिंदा किए हुए हैं। उन्हीं संपर्क सूत्रों में किसी ने सत्यदेव और उसके साथी को खबर दी कि डीएल वन सी-एक्स-9456 नंबर की सफेद डस्टर कार में 50 लाख रुपया काशीपुर ले जाया जा रहा है। गाड़ी कानपुर-फर्रुखाबाद की ओर से तिलहर होकर निकलेगी, इस सूचना के साथ गाड़ी के तिलहर से गुजरने की परफेक्ट टाइमिंग भी बताई गई। यह सूचना सिपाहियों के पास दोपहर आ गई थी। इसके बाद सत्यदेव अपने साथी के साथ तिलहर पहुंचा। तिलहर में उसने इस काम के लिए सिपाही महेंद्र सिंह को भी बुला लिया।

कार में हुई बारगेनिंग

दस लाख का मिला ऑफरतिलहर में सत्यदेव और उसके साथी ने महेंद्र को पूरी बात बताई। महेंद्र सिंह ने पहले तो उसका साथ देने से इनकार कर दिया, लेकिन सत्यदेव ने उससे कहा कि किसी को पता नहीं लगेगा और वारे-न्यारे हो जाएंगे। तब महेंद्र सिंह सत्यदेव के साथ कटरा की ओर लालपुल के पास चला गया। तीनों वहां पर सफेद डस्टर गाड़ी का इंतजार करने लगे। करीब पांच बजे तिलहर की ओर से कटरा की ओर आ रही डस्टर गाड़ी को देख कर सिपाहियों ने हाथ दिया। कार रुक गई। कार रुकते ही उसमें सिपाही सत्यदेव और महेंद्र सिंह सवार हो गए।

कंपनी के कर्मचारी को डांटा

कार में ही सिपाही सत्यदेव ने कंपनी के कर्मचारी को हड़काया कि नंबर दो का रुपया ले जा रहा है, अब तो थाने चलना होगा। कर्मचारी डर गया, उसने तत्काल फोन अपने मालिक को मिलाया। मालिक उमेश जिंदल की सिपाही सत्यदेव की बात कराई। बारगेनिंग शुरू हुई, सिपाहियों को दस लाख रुपए का ऑफर हुआ, लेकिन सिपाहियों ने मुंह फाड़ दिया तो जिंदल ने कहा कि रुपया नंबर एक का है, इससे ज्यादा नहीं दे पाएंगे। यह जानकारी सूत्र से प्राप्त है।

बात नहीं बनी, मोबाइल बंद कराए ,बंधक बनाया

सिपाहियों को जब दस लाख रुपए का ऑफर दिया गया तो उन्हें लगा कि पूरा रुपया ही काला है। और भी ज्यादा रुपया लिया जा सकता है। पर दूसरी ओर से दस लाख से एक रुपया ज्यादा नहीं दिया जा रहा था। तब सिपाहियों ने कार चालक, कर्र्मचारी के मोबाइल फोन बंद करा दिए। वह कार में ही बैठे रहे और कार को जलालाबाद की ओर लेकर चलने को चालक से कहा। उधर, कंपनी मालिक जिंदल ने दुबारा फोन मिलाया तो कर्र्मचारी का फोन बंद जा रहा था। तब जिंदल ने बरेली आईजी डीके ठाकुर को फोन पर पूरी बात बताई। डीके ठाकुर उस वक्त शाहजहांपुर में ही अफसरों के साथ मीटिंग में थे। जानकारी मिलने के बाद आईजी ने तत्काल कार तलाशने के निर्देश दिए। वायरलेस पर मैसेज पास हुए। थानों की पुलिस सक्रिय हुई।

...जब आया मालिक का फान

पौन घंटे के बाद कंपनी मालिक ने फिर से अपने कर्मचारी का फोन मिलाया तो वह मिल गया। कर्मचारी ने बताया कि वह जलालाबाद और मिर्जापुर के बीच में है। यह जानकारी फिर पुलिस को दी गई। और फिर जलालाबाद पुलिस ने दबोच लिया सभी कोलोकेशन मिलते ही जलालाबाद, मिर्जापुर पुलिस सक्रिय हो गई। पुलिस की बढ़ती चहलकदमी को देख कर कार और उसमें बैठे लोगों को बंधक बनाए सिपाहियों को शक हुआ। वह जलालाबाद के सूनसान इलाके से कार में बैठ कर जलालाबाद की ओर बढ़े तो चेकिंग कर रही पुलिस ने कार पहचान कर उसे रोका और सभी को कोतवाली ले आए। कोतवाली में एक कमरे में सिपाही महेंद्र सिंह, सत्यदेव, कार चालक और कर्र्मचारी को लेकर एसएसआई बैठ गए। बाहर से ताला डलवा दिया। वह पूछताछ करते रहे। करीब एक घंटे के बाद इस मामले में शाहजहांपुर से पुलिस की एक टीम आई, कोतवाली में कमरे के दरवाजे के पास गाड़ी लगाई गई, उसमें कंपनी कर्मचारी को बैठा लिया गया और कहीं ले जाया गया। इसके बाद जांच के लिए एसपी एस चनप्पा ने एसपी देहात को पहले जलालाबाद जाने के निर्देश दिए, बाद में उन्होंने भी लोगों को जलालाबाद से शाहजहांपुर बुला लिया। मामले को वह खुद ही देखेंगे।

रुपया नंबर एक का या दो का, जांच करेगा इनकम टैक्स विभाग

जलालाबाद पुलिस ने जिस 50 लाख रुपए को कार से बरामद किया, उस रुपए को पुलिस अफसरों के निर्देश पर आयकर विभाग की सुपुर्दगी में दे दिया गया। आयकर विभाग की टीम अब इसकी जांच करेगी कि रुपया नंबर एक का है या नंबर दो का है। उमेश जिंदल को यह बताना होगा कि रुपया किससे लेकर उसका कर्मचारी जा रहा था। बता दें कि पहले भी शाहजहांपुर में पुलिस ने सरार्फा कारोबारियों का करीब डेढ़ करोड़ रुपया एक कार की सीट में बने लॉकरों से बरामद किया था। बाद में उसमें खूब सोर्स सिफारिश हुई थी, तब पुलिस ने रुपया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के हवाले कर दिया था। वह रुपया कुछ दिनों के बाद नंबर एक में दिखा दिया गया था।

तीन पर केस दर्ज

इस मामले में देर रात तीन सिपाहियों पर मामला दर्ज कर लिया गया, जिनमें महेंद्र, सत्यदेव व एक अज्ञात सिपाही शामिल है। सत्यदेव का तबादला लखनऊ हो गया था लेकिन उसे अभी जलालाबाद से रिलीव नहीं किया गया था।

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