अग्निशमन दिवस पर कर्मियों ने लिया सुरक्षा का संकल्प
अग्निशमन सेवा स्मृति दिवस कार्यालय के प्रांगण में रविवार सुबह एक कार्यक्रम हुआ। एसपी डा. एस चनप्पा, सीएफओ रेहान अली, एफएसओ यदुनाथ सिंह व कर्मचारियों ने अग्निकांड कर्मियों को पुष्पगुच्छ अर्पित कर...
अग्निशमन सेवा स्मृति दिवस कार्यालय के प्रांगण में रविवार सुबह एक कार्यक्रम हुआ। एसपी डा. एस चनप्पा, सीएफओ रेहान अली, एफएसओ यदुनाथ सिंह व कर्मचारियों ने अग्निकांड कर्मियों को पुष्पगुच्छ अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर प्रार्थना की।
कर्मियों ने लोगों की सुरक्षा का संकल्प लिया। फ्लैग पिन लगाकर लोगों को जागरुक किया। एसपी डा. एस चनप्पा ने अग्निशमन सेवा स्मृति दिवस पर प्रकाश डाला। बताया कि 14 अप्रैल 1944 को मुंबई बंदरगाह पर एक अग्निकांड हुआ था। अग्निकांड में 66 अग्निशमन कर्मियों की जान चली गई थी। उन दिवंगत अग्निशमन कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उस दिन को अग्निशमन सेवा स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि अग्निकांड के दिन से 20 अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। बताया कि इस सप्ताह विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए लोगों को जागरुक किया जाता है।
जनता से की अपील
सीएफओ रेहान अली ने जनता से अपील की। बताया कि आग लगने के बाद कार्बन डाइआक्साइड की मात्रा ज्यादा हो जाती है। आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए आग लगने के बाद अगर किसी तरह मकान से बाहर निकल आए, तो दोबारा अंदर घुसकर अपनी जान को खतरे में न डालें। बताया कि अगर ग्रामीण क्षेत्र में किसी छप्पर में आग लगती है, तो कुछ लोग आग को बुझाने की कोशिश करें। और कुछ लोग छप्परों को गीला करें। ताकि आग दूसरे के छप्पर तक न पहुंचे। जानवरों को जंजीर से न बांधकर रस्सी से बांधे। ताकि उनकी भी जान बचाई जा सके। आग लगने पर फायर ब्रिगेड टीम को अधूरी जानकारी न दें।
खेत पर इन बातों का रखें ध्यान
= खलिहान के निकट पानी के संसाधनों को जरुर रखें
= चारो ओर पानी से भरे ड्रम, घड़े और मिट्टी जरुर रखें
= खेत से 100 मीटर दूरी पर खाना बनाए व धूम्रपान करें
= पुआल और कंडों के ढेर को निवास स्थान से दूर रखें
= खलिहान में बीड़ी, सिगरेट व हुक्कता बिल्कुल न पीजिए
घर में इन बातों का रखें ध्यान
= बिस्तर पर लेटकर किसी प्रकार का धूम्रपान न करें
= बीड़ी, सिगरेट के टुकड़े हो सुलघता हुआ न फेंके
= चूल्हे की चिंगारी व गर्म राख को कूडे़ के ढेर पर न फेंके
= घी व तेल की आग पर पानी न डालें, लैंप छप्पर में न टांगे
ऐसे लग सकती है आग
= गैस चूल्हे के बर्नर में लीकेज होने के कारण लग सकती है आग
= रेग्युलेटर या फिर वॉल्ब की रबर कट जाने से होने लगता है लीकेज
= कई बार पाइप पुराना होने के कारण भी उसमें लग जाती है आग
आग लगे, तो ये उपाय करें
= अगर बर्नर में लगी हुई है आग तो सबसे पहले रेग्युलेटर बंद कर दें
= रेग्युलेटर में आग लगने पर गीला बोरा या कपड़ा जोर-जोर से उस पर मारें
= किसी लंबे बांस या लोहे के एंगिल से उठाकर उस सिलेंडर को बाहर फेंके