डॉक्टर नहीं मिला, सीएचसी में महिला की मौत, परिजनों का हंगामा
सीएचसी पर डॉक्टर के अभाव में महिला की मौत पर हंगामा हो गया। जानकारी होने पर विभाग में हड़कंप मच गया। थाना प्रभारी समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। अधिकारियों ने महिला के परिजनों से बात की। तीन...
सीएचसी पर डॉक्टर के अभाव में महिला की मौत पर हंगामा हो गया। जानकारी होने पर विभाग में हड़कंप मच गया। थाना प्रभारी समेत भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। अधिकारियों ने महिला के परिजनों से बात की। तीन घंटे की मशक्कत के बाद सभी को समझाकर शांत किया।
तब परिजन महिला के शव को घर ले गए।गांव पिपरी निवासी ओमप्रकाश सिंह की पत्नी कमला देवी (35) की मंगलवार सुबह तबीयत बिगड़ी। परिजन कमला देवी को लेकर सीएचसी पहुंचे। वहां कोई डॉक्टर नहीं था। पैरामेडिकल स्टाफ ने बताया स्थाई चिकित्सक सीएचसी में नहीं हैं। मदनापुर के चिकित्सक को 15 दिन के लिए अटैच कर काम चलाया जा रहा है। इसी दौरान महिला कमला देवी की मौत हो गई। उनके परिजन भड़क गए। सूचना पर तमाम रिश्तेदार और परिचित भी आ गए और हंगामा कर दिया।
भीड़ को आक्रोशित देख स्टाफ में हड़कंप मच गया। स्टाफ की सूचना पर प्रभारी निरीक्षक विद्युत गोयल पहुंचे। भाजपा मंडल अध्यक्ष जगदीश प्रसाद जोशी और शिक्षक नेता अरविंद सिंह भी पहुंच गए। तीन घंटे की मशक्कत के बाद सभी को समझाकर शांत किया। इसके बाद परिजन शव को घर लिए गए।
अटैच डॉक्टर से चल रहा काम
सीएचसी प्रभारी डॉ लईक अहमद को खुदागंज से बुलवाया। उन्होंने बताया सीएचसी को खुदागंज सीएचसी से अटैच कर संचालित किया जा रहा है। कोई स्थायी चिकित्सक उपलब्ध नहीं है। सीएचसी के नवनियुक्त प्रभारी डॉ शजर ने अभी चार्ज नहीं लिया है। फिलहाल मदनापुर पीएचसी के चिकित्सक को माह में 15 दिन अटैच कर काम चलाया जा रहा है। सीएचसी में स्थायी चिकित्सक नियुक्त करने के लिए अधिकारियों को लिखा गया है। भाजपा नेता जगदीश प्रसाद और शिक्षक नेता ने कहा कि अधिकारियों और शासन से सीएचसी के मानक के अनुसार स्टाफ और सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
सीएचसी बन रही काल
सीएचसी पर इलाज की सुविधा तो दूर प्राथमिक उपचार के लिए कोई डॉक्टर नहीं उपलब्ध होता। मरीजों का समय बर्बाद होता है, जिस कारण मरीजों को शहर का रुख करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि इससे अच्छा सीएचसी को बंद कर देना चाहिए। दरअसल सीएचसी बनने के बाद अभी तक मुख्यालय से न यहां सीएचसी के मानक के मुताबिक कोई सुविधा उपलब्ध कराई गई और न ही कोई चिकित्सक व अन्य स्टाफ नियुक्त किया गया। सपा सरकार में तत्कालीन विधायक राजेश यादव ने जनता के आग्रह पर जिला स्तर पर दबाव बनाया, तो इसे खुदागंज सीएचसी से अटैच कर चला दिया गया।