डीएम की मुहिम रंग लाई, गंदगी की बुरी आदत छुड़ाई
खराब आदतें छुड़वाई जा सकती हैं। बशर्तें इच्छाशक्ति हो तो। यह इच्छाशक्ति दिखाई शाहजहांपुर के डीएम अमृत त्रिपाठी ने। उन्होंने चरणबद्ध तरीके से शाहजहांपुर वालों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाना शुरू किया, जिसमें...
खराब आदतें छुड़वाई जा सकती हैं। बशर्तें इच्छाशक्ति हो तो। यह इच्छाशक्ति दिखाई शाहजहांपुर के डीएम अमृत त्रिपाठी ने। उन्होंने चरणबद्ध तरीके से शाहजहांपुर वालों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाना शुरू किया, जिसमें उन्हें बड़ी सफलता भी मिली है।
अब लोग कभी भी, कहीं भी कूड़ा डालने से डरते हैं। डरना इसलिए कहेंगे, क्योंकि कूड़ा फैलाने वाले को डीएम खुद ही जाकर कूड़ा प्रेमी का खिताब दे देते हैं, फिर उसकी तस्वीर भी पूरा शहर सोशल मीडिया पर देखता है। गंदगी फैलाने वालों की लिस्ट में अब शाहजहांपुर का कोई भी व्यक्ति अपना नाम आने नहीं देना चाहता है, इसलिए लोगों ने अपनी कभी भी और कहीं भी कूड़ा फेंकने की आदत में सुधार करना शुरू कर दिया है।
डीएम अमृत त्रिपाठी ने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए चरणबद्ध अभियान की शुरुआत की थी। इसमें सबसे पहले उन्होंने स्कूल में वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता कराई, जिसकी शुरूआत कलक्ट्रेट से की गई। इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय आने वालों को एक बड़े आयोजन में पुरस्कृत किया गया। इसी क्रम में पालीथिन एकत्रित करने में भी लोगों को जुटाया गया। इसमें पुरस्कार दिए गए। उन्होंने सभी 44 वार्डों की एक समिति का गठन किया, जिसमें गणमान्य लोगों को रखा गया।
हर वार्ड में एक नोडल अफसर की तैनाती गई। सुबह पांच बजे से ही अफसरों की फौज पूरे शहर में निरीक्षण को निकलने लगी। स्वच्छ वार्ड प्रतियोगिता हुई, जिसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार के लिए चयन किया गया। सुबह उठ कर वार्डों में निरीक्षण का सिलसिला डीएम ने जारी रखा। इस दौरान डीएम स्वच्छता में अच्छा काम करने वालों को पुरस्कार भी दिया और स्वच्छता सम्राट पुरस्कार से नवाजा।
लोगों का ध्यान बार-बार आकृष्ट कराने की जरूरत थी, जिसमें सफलता मिल रही है। लोगों ने घरों का कूड़ा निश्चित स्थान पर सफाई से पहले ही डालना शुरू कर दिया है। यह जनसहयोग से ही संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर के लोगों ने स्वच्छता अभियान में अपना सहयोग देना शुरू कर दिया है, यही हम सभी का मकसद था। अमृत त्रिपाठी, जिलाधिकारी, शाहजहांपुर