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सड़क निर्माण के लिए 10 गांवों का प्रदर्शन, ग्रामीण बोले-रोड नहीं तो वोट नहीं

पांच किलोमीटर सड़क नहीं बनने से नाराज दस गांवों के ग्रामीणों ने बुधवार को बालेमऊ गौंटिया में एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए। सूचना मिलने पर...

सड़क निर्माण के लिए 10 गांवों का प्रदर्शन, ग्रामीण बोले-रोड नहीं तो वोट नहीं
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरThu, 14 Feb 2019 12:28 AM
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पांच किलोमीटर सड़क नहीं बनने से नाराज दस गांवों के ग्रामीणों ने बुधवार को बालेमऊ गौंटिया में एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए। सूचना मिलने पर पहुंचे तहसीलदार प्रभाकर त्रिपाठी ने उनकी मांग शासन को भेजकर सड़क स्वीकृत कराने का आश्वासन देकर प्रदर्शन समाप्त कराया।

इन गांवों ने सरकार को जगाने का किया प्रयास

बुधवार को तिहार ऐजनपुर, बालेमऊ गौटिया, बिहार रामनगर, मुडिगवां, शंखापुर, मरेना, गुरसंडा रायपुर, अनन्तापुर, दिउहना गांव के लोगों ने बालेमऊ गौटिया में एकत्र होकर सड़क नहीं बनाए जाने पर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की प्रदर्शन कर घोषणा की। इन गांव के लोगों ने कहा कि यदि लोकसभा चुनाव से पूर्व मुड़िया कुर्मियात से तिहार ऐजनपुर तक लगभग पांच किलोमीटर सड़क का निर्माण नहीं कराया गया तो सभी ग्रामीण चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करेंगे।

सड़क निर्माण को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन की सूचना मिलते ही तहसीलदार प्रभाकर त्रिपाठी मौके पर पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित पत्र तहसीलदार को सौंप दिया। सूचना मिलते ही पहुंचे तहसीलदारतहसीलदार ने सभी ग्रामीणों को उनका मांग पत्र मुख्यमंत्री के पास भेजने का तथा इस सम्बंध में आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन समाप्त करा दिया।

प्रदर्शन करने वालों में ग्रामप्रधान प्रभूदयाल, शिल्पी देवी, रामकेशन,दिनेश कुमार, गुड्डी देवी तथा ग्रामीण हरवंश सिंह राना, इबरान, सतनाम सिंह, अवधेश, गुरमेज सिंह, रामकिशन, जरनैल सिंह, प्रवीण शर्मा, बलजीत सिंह, केबल सिंह, विजय वर्मा, सरजीत राठौर, नन्हे अली, राजीव, रामदास आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

एक सप्ताह पूर्व बनाई गई थी रणनीति

सड़क नहीं बनने से नाराज ग्रामीणों ने एक सप्ताह पूर्व चुनाव बहिष्कार करने की रणनीति तैयार की थी, जिसकी जानकारी होने पर हिन्दुस्तान ने 9 फरवरी को पेज 4 पर सड़क नहीं बनी तो चुनाव बहिष्कार की रणनीति बनाई। शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर में हिन्दुस्तान ने लिखा था कि ग्रामीण 13 फरवरी को धरना प्रदर्शन कर सकते हैं। ग्रामीणों में रोष होने की जानकारी पूर्व में हो जाने के बाद भी प्रशासन ने 13 फरवरी को प्रदर्शन करने का इन्तजार किया।

पहले भी किया जा चुका है चुनाव बहिष्कार

सन् 2000 में पुवायां के ररूआ व नगरिया दो गांवों में चुनाव बहिष्कार की घोषणा की गई थी, जिसमें नगरिया गांव के ग्रामीणों ने अधिकारियों के आश्वासन के बाद मतदान किया था, लेकिन ररूआ गांव में एक भी वोट नहीं पड़ा था। इस चुनाव में पुवायां विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी मिथलेश कुमार पहली बार विधायक चुने गए थे और दूसरे स्थान पर रहे सपा प्रत्यासी हीरालाल सात सौ मतों से चुनाव हार गए थे।

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