पुल निर्माण को वित्तीय स्वीकृति की मांग को प्रदर्शन
ग्रामीणों द्वारा नदी घाट पर पुल निर्माण के लिए तिकोला देवी मंदिर प्रांगण में शुरू किया धरना प्रदर्शन गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी वेद सिंह चौहान को ज्ञापन देते हुए पुल...
ग्रामीणों द्वारा नदी घाट पर पुल निर्माण के लिए तिकोला देवी मंदिर प्रांगण में शुरू किया धरना प्रदर्शन गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी वेद सिंह चौहान को ज्ञापन देते हुए पुल निर्माण को वित्तीय स्वीकृति दिलाए जाने की मांग की है।
गुरुवार को ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन देते हुए बताया है कि पक्के पुल निर्माण को वर्ष 2017 में रामगंगा बहगुल नदी के दोआब में बसे करीब 100 गांव के ग्रामीणों ने आंदोलन की शुरुआत की थी, जिस पर प्रशासन ने तमाम आश्वासन दिए, परंतु ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन खत्म नहीं किया।
इसके फलस्वरूप केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज ने 27 अगस्त 2017 को कोला मंदिर प्रांगण में जनसभा को संबोधित किया और पुल निर्माण की स्वीकृति का आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल समाप्त कराई थी। इसके बाद क्षेत्र के कर्मचारियों द्वारा नाप लेकर पुल निर्माण में खर्च होने वाला स्टीमेट तैयार कर शासन को भेजा गया, परंतु शासन की स्वीकृति न मिलने से मामला अभी तक अधर में लट है। मांग पूरी न होने तक जारी रहेगा धरना
चुनाव को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों ने पुन: आंदोलन छेड़कर सरकार से पुल के निर्माण की मांग शुरू कर दी, ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे महेंद्र पाल सिंह एडवोकेट ने बताया आंदोलन लगातार जारी रहेगा, जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी। अनशन पर बैठने वाले लोगों में मोरपाल सिंह, सतेन्द्र सिंह, वीरपाल सिंह, सुधीर सिंह, सन्तराम, प्रबागी सिंह, प्रदीप कुमार, राजपाल, बैजनाथ, मोरपाल, मुनेंद्र पाल, सूरज पाल सिंह, अश्वनी कुमार, हनी सिंह, अवनीश कुमार, वीरपाल, कैलाश, शक्तिमान, देवेंद्र सिंह दीवान जी, आजाद सिंह, राकेश कुमार आदि ग्रामीण शामिल रहे।
यह गांव हैं प्रभावित रामगंगा और बहगुल नदी के दोआब में बसे चितरउ ,संगाहां, कीलापुर खुर्द, मढ़िया हवा, मढ़िया गुजरात, रामपुर, ढाका, ढाणी नगला, किशन अतरी, निजामपुर, उदरापुर, तिकोला बलराम, रामपुर सहित करीब सौ से ज्यादा गांव बरसात के दौरान नदी से प्रभावित हैं। पुल न होने के कारण यह गांव जिला व तहसील से 4 माह के लिए कट जाते हैं।