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श्मशान में नये चबूतरों का निर्माण शुरू, दाह संस्कार के लिए कम पड़ रही जगह

शाहजहांपुर के लालपुल मोक्षधाम में दाहसंस्कार के लिए नये चबूतरों का निर्माण शुरू हो गया है। निर्माण तेजी से किया जा रहा...

शाहजहांपुर के लालपुल मोक्षधाम में दाहसंस्कार के लिए नये चबूतरों का निर्माण शुरू हो गया है। निर्माण तेजी से किया जा रहा...
1/ 3शाहजहांपुर के लालपुल मोक्षधाम में दाहसंस्कार के लिए नये चबूतरों का निर्माण शुरू हो गया है। निर्माण तेजी से किया जा रहा...
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हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरThu, 22 Apr 2021 03:05 AM
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शाहजहांपुर के लालपुल मोक्षधाम में दाहसंस्कार के लिए नये चबूतरों का निर्माण शुरू हो गया है। निर्माण तेजी से किया जा रहा है। लोगों के बैठने के लिए बेंच बनाई जा रही हैं। उसके ऊपर लिंटर भी डाला जा रहा है, ताकि सिर पर धूप न लगे। श्मशान के केयरटेकर रामबली पर फोन पर फोन आ रहे हैं, उनकी समझ नहीं आ रहा है कि किस चबूतरे पर लगातार आ रहे शवों का अंतिम संस्कार कराया जाए, इसलिए उन्होंने नये चबूतरे बनने तक तीन अन्य अस्थाई चबूतरों का भी निर्माण कराया है। दाहसंस्कार के बाद यह भी निर्देश दिए जा रहे हैं कि फूल अगले ही दिन बीन लिए जाएं, ताकि चबूतरा खाली हो सके, दूसरे शव का उस पर अंतिम संस्कार हो सके। वैसे दाहसंस्कार के तीसरे दिन बीने जाते थे।

शाहजहांपुर लालपुल श्मशानघाट में सामान्य तौर पर बहुत अधिक 10 से 15 दाहसंस्कार प्रति माह होते थे। पर इस बार अप्रैल 2021 में रिकार्ड ही टूट गया है। श्मशानघाट के केयरटेकर रामबली खुद बताते हैं कि ऐसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। बताया कि एक अप्रैल से लेकर 21 अप्रैल की दोपहर दो बजे तक 77 अंतिम संस्कार कराए जा चुके हैं। रामबली के पास जरा सी भी फुरसत नहीं है, लगातार शव आने की सूचनाएं उनके मोबाइल फोन पर आ रही हैं, अंतिम संस्कार किस चबूतरे पर कराया जाए, इसकी टेंशन रामबली को बहुत हो रही है। बोले कि पहले से 16 चबूतरे बने हुए हैं। चार नये स्थाई चबूतरों का निर्माण हो रहा है। तीन अस्थाई चबूतरे जमीन में बनाए हैं। इसके बाद भी चबूतरे कम पड़ रहे हैं।

बुजुर्गों की मौतें सबसे ज्यादा हो रही हैं।

=रामबली जिस रजिस्टर पर मौतों का विवरण लिखते हैं, उनमें सबसे ज्यादा बुजुर्गों के नाम दर्ज हैं। इन बुजुर्गों की मौत का कारण परिवार के लोग बीमारी लिखाते हैं। पूछों तो परिवार के लोग अधिकतर यही बतातें हैं कि मरने वालों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। मतलब यही है कि उनकी अगर जांच हुई होती तो कारण जो भी आता, उसे सभी जानते हैं।

युवाओं की मौत का आंकड़ा भी बढ़ा

=श्मशानघाट के केयरटेकर बताते हैं कि मरने वालों में नई उम्र के लोग भी शामिल हैं। युवाओं के मरने का आंकड़ा भी छोटा नहीं है। बताया कि अचानक से युवाओं की मौतें हो रही हैं। कारण सभी बीमारी ही बताते हैं। पहले से कोई बीमारी नहीं होती है, उनके परिजन बताते हैं कि अचानक तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई।

लाला तेलीबजरिया के लोगों की मौतें ज्यादा

=शाहजहांपुर के लालपुल श्मशानघाट में एक अप्रैल से लेकर 21 अप्रैल तक सबसे ज्यादा मौतें लालातेली बजरिया मोहल्ले के लोगों की हुई हैं। इस क्षेत्र में बुजुर्ग अधिक मरे हैं। 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों की मौत लगातार हो रही है। यह लोग पहले से ही अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। किसी को किडनी में दिक्कत थी, किसी को शुगर थी, कोई हार्ट का पेशेंट था।

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