अच्छी खबर : प्रवासी मजदूरों के बच्चों को मिलेगा इंग्लिश मीडियम स्कूलों में दाखिला
लाकडाउन से दूसरे राज्यों से लौटकर आए प्रवासी मजदूरों के बच्चे भी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ सकेंगे। प्रवासियों के बच्चों के निजी स्कूलों में प्रवेश का रास्ता साफ हो गया। इन बच्चों को भी आरटीई के...
लाकडाउन से दूसरे राज्यों से लौटकर आए प्रवासी मजदूरों के बच्चे भी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ सकेंगे। प्रवासियों के बच्चों के निजी स्कूलों में प्रवेश का रास्ता साफ हो गया। इन बच्चों को भी आरटीई के तहत एडमिशन दिया जाएगा। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने पत्र जारी किया है। प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन रहेगी।
निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत हर साल निजी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के गरीब बच्चों का प्रवेश होता है। पहले चरण के एक हजार आवेदनों में 399 बच्चों का नाम लॉटरी के माध्यम से निकाला गया था। अब दूसरे चरण के आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। इसमें प्रवासी मजदूरों के बच्चों को भी दाखिला कराने का अवसर दिया गया। शिक्षा निदेशक ने आदेश में कहा कि कोरोना की वजह से अधिकतर प्रवासी मजदूर व उनका परिवार अपने घर लौट आए हैं।
परिवारों के बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए योजना का लाभ दिया जाए। । दूसरे चरण में प्रवासी मजदूरों के बच्चों को भी आरटीई के तहत प्रवेश दिया जाएगा। उसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं। शहरी क्षेत्र में रहने वाले प्रवासी मजदूर को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जबकि, ग्रामीण इलाके के बच्चे के लिए ऑफलाइन आवेदन बीएसए कार्यालय में देना होगी।
डीसी सामुदायिक निशात सिंह के मुताबिक, शिक्षा निदेशक के पत्र में प्रवासी मजदूरों के बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश देने का जिक्र किया गया। दूसरे चरण में दस जुलाई तक आवेदन होने हैं। 15 को लॉटरी सिस्टम से नामों का चयन किया जाएगा।