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लावारिस बच्चों की मददगार बनेगी चाइल्ड लाइन संस्था

लावारिस रूप से मिलने वाले बच्चों की मदद के लिए चाइल्ड लाइन संस्था का जिला कार्यालय लोदीपुर में खुल गया। दफ्तर के बारे में जानकारी करने को को-आर्डिनेटर ने आरपीएफ और जीआरपी प्रभारी से मुलाकात की।...

लावारिस बच्चों की मददगार बनेगी चाइल्ड लाइन संस्था
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरFri, 29 Mar 2019 01:22 AM
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लावारिस रूप से मिलने वाले बच्चों की मदद के लिए चाइल्ड लाइन संस्था का जिला कार्यालय लोदीपुर में खुल गया। दफ्तर के बारे में जानकारी करने को को-आर्डिनेटर ने आरपीएफ और जीआरपी प्रभारी से मुलाकात की। उन्हें आश्वस्त किया कि कोई भी बालक मिले तो सूचना दे। बच्चे की काउंसलिंग करने के बाद उसके परिवार वालों से मिलाने का काम संस्था करेगी।

हेल्प लाइन नंबर 1098 का पहले जिले में कोई कार्यालय नहीं था। जीआरपी या आरपीएफ को स्टेशन पर कोई बालिका मिलती है तो उनके सामने संकट खड़ा हो जाता है। इन थानों पर महिला स्टाफ नहीं है। ऐसे में उन्हें महिला थाने की मदद लेना पड़ती है। कई बार महिला थाने वाले हाथ खड़े कर देते हैं। लेकिन, अब इन दुश्वारियों के खत्म होने का समय आ गया।

शाहजहांपुर के लोदीपुर में चाइल्ड लाइन संस्था को खोला गया। विनोबा सेवा आश्रम के सहयोग से खुले कार्यालय की को-आर्डिनेटर प्रतिमा सक्सेना हैं। उनकी टीम में तीन महिलाएं व चार पुरुष हैं। प्रतिमा ने आरपीएफ थाने पर इंस्पेक्टर वीके सिंह से मुलाकात की। उन्हें बताया कि कोई बच्चा मिलता है तो उनसे संपर्क कर सकते हैं।

इन बच्चों की मदद को करें सहयोग

शून्य से 18 साल तक उम्र वालों की संस्था करेगी मदद।

गुमशुदा, घर से भागे बालकों को परिजनों से मिलाया जाएगा।

बीमारी, बंधुआ मजदूर व शोषित बच्चों की मदद की जाएगी।

कोई भी कर सकता है कॉल

प्रतिमा सक्सेना ने बताया कि 1098 पर कोई भी व्यक्ति कॉल कर सकता है। इस नंबर पर कॉल करने पर मुंबई कार्यालय पर घंटी बजेगी। वहां से रीजनल आफिस को मामले को ट्रांसफर किया जाएगा। उसके बाद संबंधित जिले को दिशा-निर्देश दिए जाते है। सक्सेना के मुताबिक, यह आपातकाल राष्ट्रीय नि:शुल्क सेवा है। इस पर 24 घंटे बात की जा सकती है।

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