अजब-गजब : जनवरी में ही बौरा गया आम
हमेशा फागुन यानी मार्च के महीने में आम का बौर आता है, लेकिन इस बार कड़ाके की सर्दी में जनवरी में ही आम के पेड़ों पर बौर आ...
हमेशा फागुन यानी मार्च के महीने में आम का बौर आता है, लेकिन इस बार कड़ाके की सर्दी में जनवरी में ही आम के पेड़ों पर बौर आ गया। जिले के रौसरकोठी में आम के पेड़ पर बौर लदना शुरू हो गया। हालांकि, उद्यान विभाग के अफसरों का माना है कि बौर आने के लिए मौसम अनुकूल हो गया है।
आम के पेड़ों में फल के पहले बौर आने की प्रक्रिया आमतौर पर बसंत ऋतु के साथ शुरू होती है, लेकिन इस बार मौसम के उतार-चढ़ाव को देखते हुए इतनी ठंड में आम के पेड़ों पर बौर आना कुछ अलग सा महसूस हो रहा है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, कोरोना काल के दौरान प्रदूषण काफी हद तक कम हुआ, जिसके चलते इस बार सर्दी भी ठीक पड़ी। बरसात भी औसत रही और पेड़ पौधों में भी परिवर्तन देखने को मिले हैं। इसी कड़ी में नेशनल हाईवे-24 स्थित बाड़ी गांव तिराहे के पास आम के बाग में पेड़ों पर अभी से बौर आ गए हैं, जो प्रकृति के परिवर्तन को साफ व्यक्त करता है।
जिला उद्यान अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि आम के पेड़ पर बौर आने का समय आ गया है। अगर पेड़ पर ज्यादा बौर आया है तो उसे थोड़ा तुड़वा दिया जाए, जिससे आने वाले समय में पर्याप्त बौर और फल प्राप्त हो सकें।