मानीटरिंग के बाद ही बाघिन को पकड़ने की बनेगी योजना
वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट की टीम नगला इब्राहिम गांव में बाघिन की गतिविधियों की समुचित मानीटरिंग के बाद ही पकड़ने की रणनीति...
वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट की टीम नगला इब्राहिम गांव में बाघिन की गतिविधियों की समुचित मानीटरिंग के बाद ही पकड़ने की रणनीति बनाएगी। बाघिन कई कैमरों में रिकार्ड हो चुकी है, लेकिन शावक अब तक कैमरों की रेंज से बाहर हैं।
नगला इब्राहिम गांव में डेरा जमाए बाघिन नगला मधा, मकरंदापुर, अलियापुर, परशुरामपुर गांव के जंगल तक भ्रमण कर शिकार कर रही है। अंधेरा होते ही बाघिन शिकार के लिए गन्ने के खेतों से बाहर निकल आती है। ग्रामीणों के मुताबिक, बाघिन के साथ दो शावक भी हैं। बाघिन दिन में भी शावकों के साथ देखी गयी है। गांव से सटे गन्ने के खेत में डेरा जमाए बाघिन के खौफ से इलाके में खेतीबाड़ी के काम बंद हैं। गन्ने की कटाई और गेहूं, सरसों आदि फसलों को खाद, पानी नहीं लग रहा। चार दिन से वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया की टीम नगला इब्राहिम गांव में रहकर बाघिन की निगरानी कर रही है। टीम के वन्यजीव विज्ञानी सुंशात सिंह के मुताबिक समुचित निगरानी के लिए जंगल में कैमरों की संख्या बढ़ाई है। तीन कैमरों ने बाघिन को रिकार्ड किया है, लेकिन कोई शावक अभी रिकार्ड नहीं हुआ है। सुशांत ने बताया कि शावक के पदचिन्ह भी नहीं मिले हैं। समुचित मानीटरिंग के बाद ही बाघिन को पकड़ने की रणनीति बनेगी।
लगातार शिकार कर रही बाघिन
बाघिन लगातार इलाके में पशुओं का शिकार कर रही है। बाघिन अब तक कई छुट्टा गौवंश को शिकार बना चुकी है। अनुमान है कि गन्ने में सियार और सुअर भी बाघिन की खुराक बन रहे हैं। शिकार पर निकली बाघिन रोज रात को दहाड़ती है, जिससे इलाके में दहशत है़ं। ग्रामीण दहशत से घरों में सो नहीं पा रहे। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन जल्द बाघिन को पकड़वाए, जिससे खेती बाड़ी के ठप काम काज शुरू हो सकें।
