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परिषदीय विद्यालयों की 156 एकड़ जमीन खाली, रोपे जाएंगे पौधे

बच्चों को तालीम देने वाले परिषदीय विद्यालयों के पाए एकड़ों जमीन खाली पड़ी है। स्कूलों की कृषि योग्य जमीन पर पौधे लहराएंगे। पौधारोपण कराने के लिए बीएसए ने जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों ने डिटेल तलब...

परिषदीय विद्यालयों की 156 एकड़ जमीन खाली, रोपे जाएंगे पौधे
हिन्दुस्तान टीम,शाहजहांपुरSat, 15 Jun 2019 02:06 AM
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बच्चों को तालीम देने वाले परिषदीय विद्यालयों के पाए एकड़ों जमीन खाली पड़ी है। स्कूलों की कृषि योग्य जमीन पर पौधे लहराएंगे। पौधारोपण कराने के लिए बीएसए ने जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों ने डिटेल तलब की है। विभाग के आंकड़ों में अभी तक 156.6 एकड़ जमीन दर्ज हैं। माना जा रहा है कि अभी खंगालने पर और जमीन भी मिल सकती है।

हर साल बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाता है। माध्यमिक व बेसिक के विद्यालयों में पौधे लगाकर फोटो खींचवाकर नौकरी पक्की कर ली जाती है, लेकिन गुरुजन उन पौधों का अता-पता नहीं रखते हैं। धरती का श्रृंगार पौधों रूपी जेवर से करने के लिए पहली बार नया फंडा निकाला गया। उसके लिए विद्यालयों की जमीन का उपयोग किया जाएगा। बीएसए राकेश कुमार ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर स्कूलों की कृषि योग्य जमीन की डाटा तलब किया है। जिसके बाद उस जमीन पर पौधारोपण कराया जाए। विभाग के दस्तावेजों में 156.6 एकड़ जमीन दर्ज है। इतनी जमीन पर पौधे लगाकर उसका संरक्षण करने की तैयारी को शुरू किया गया।

विभाग को होंगे दो फायदे

पौधारोपण का कार्यक्रम होने से विभाग को दो फायदे होंगे। पहले तो विभाग की जमीन से अवैध कब्जे हट जाएंगे। क्योंकि, कृषि योग्य जमीन पर काफी ज्यादा लोगों ने कब्जे कर रखे हैं। वहीं दूसरी तरफ पौधे लगाने का टारगेट आसानी से पूरा हो जाएगा, साथ ही पौधों का संरक्षण भी किया जा सकेगा।

सेहरामऊ दक्षिणी में सर्वाधिक 16 एकड़ जमीन

भावलखेड़ा इलाके के उच्च प्राथमिक विद्यालय सेहरामऊ दक्षिणी में सर्वाधिक 16 एकड़ जमीन दर्ज है। वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय जेंबा पुवायां के पास 11 एकड़ कृषि योग्य जमीन हैं। कलान के उच्च प्राथमिक विद्यालय परौर और तिलहर के उच प्राथमिक विद्यालय समधाना में 12 एकड़ जमीन है। जिले की 45 प्राथमिक विद्यालयों की सूची जारी की गई, जिनके पास अपनी खेती वाली जमीन है। उन्हीं पर पौधे लगाए जाने की तैयारी का खाका तैयार किया।

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