Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Secretary summoned to High Court for absurd government order, clarification from Additional Chief Secretary also

बेतुके शासनादेश के लिए अनुसचिव हाईकोर्ट में तलब, अपर मुख्य सचिव से भी स्पष्टीकरण

बेतुके शासनादेश के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच ने अनुसचिव को तलब किया है। कोर्ट ने मामले में विभाग के अपर मुख्य सचिव से भी स्पष्टीकरण तलब किया है।

Deep Pandey हिन्दुस्तानMon, 2 Sep 2024 12:46 AM
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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने वन एवं जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण विभाग के उस अनुसचिव को तलब किया है, जिसने 28 अगस्त 2023 और 29 सितंबर 2023 शासनादेश जारी कर निर्देश दिया है कि दैनिक कर्मचारियों (डेली रेटेड इम्प्लाइज) से नियमित काम न लिया जाए ताकि वे न्यूनतम भुगतान और नियमितीकरण की मांग न कर सकें। कोर्ट ने मामले में विभाग के अपर मुख्य सचिव से भी स्पष्टीकरण तलब किया है। अदालत ने कहा है कि अगली सुनवाई तक अपर मुख्य सचिव शपथ पत्र पर स्पष्टीकरण देने में असफल रहते हैं तो उन्हें भी कोर्ट में हाजिर होना होगा। अगली सुनवाई नौ सितंबर को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने रफीउल्ला की सेवा संबंधी याचिका पर पारित किया है। कोर्ट ने पाया कि 28 अगस्त 2023 के शासनादेश में यह भी कहा गया है कि यदि ऐसे दैनिक कर्मचारियों से कोई अधिकारिक नियमित काम लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। 29 सितंबर 2023 के शासनादेश में यह भी कहा गया है कि दैनिक कर्मचारी को न्यूनतम वेतन सात हजार रुपये ही दें, न कि 18 हजार रुपये। 

न्यायालय ने कहा कि अनुसचिव दिनेश कुमार सिंह द्वारा पारित शासनादेश न सिर्फ अविधिक, मनमाना और भेदभावपूर्ण है बल्कि न्यायपालिका की भी अवमानना है। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के तमाम निर्णयों में न्यूनतम भुगतान दैनिक कर्मचारियों का अधिकार बताया जा चुका है। इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने संबंधित अनुसचिव को स्पष्टीकरण के साथ तलब किया और अपर मुख्य सचिव को भी स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।

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