अधिकारियों की लापरवाही से पर्यटन विभाग के पायलट प्रोजेक्ट पर ग्रहण
Santkabir-nagar News - राहुल राय, संतकबीरनगर। जनपद के हरिहरपुर नगर पंचायत में कठिनईया नदी और बाबा लक्ष्मीदास

राहुल राय, संतकबीरनगर। जनपद के हरिहरपुर नगर पंचायत में कठिनईया नदी और बाबा लक्ष्मीदास की कुटी के पर्यटन विकास पर अब ग्रहण लग गया है। शासन ने इस परियोजना को निरस्त करते हुए अबतक जारी हो चुका 3.55 करोड़ रूपए को तत्काल वापस कराने के निर्देश दिए हैं। शासन के इस निर्णय से जनपद के दक्षिणांचल में होने वाले पर्यटन विकास पर जहां बाधा आई है, वहीं जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आ गई। क्योंकि अधिकारियों ने यदि एनजीटी और सिचाई विभाग से पहले ही अनुमति ले लिया होता तो आज यह स्थिति नहीं आती। मजेदार तो यह है कि दो वर्ष पहले स्वीकृत इस प्रोजेक्ट पर महीनों से कार्य चल रहा था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी तब भी नहीं चेते।
स्थानीय ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत किया तो जाकर नींद टूटी। पर्यटन विभाग ने कठिनईया नदी के मुकुंदपुर नार्थ रिवर फ्रंट के किनारे का पर्यटन विकास तथा नाथनगर टिकुईकोल के उत्तर बाबा लक्ष्मी दास कुटी का पर्यटन विकास, रिटेनिंग वाल, पौधरोपण, चहरदीवारी, प्रकाश व्यवस्था, जल संरक्षण एवं अन्य विकास कार्य और सौंदर्यीकरण कार्य कराते हुए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए वर्ष 2023 में 10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। सभी कागजी कोरम पूरा करने के बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी कराया। लेकिन टेंडर से पहले पर्यटन विभाग ने सिचाई विभाग और एनजीटी से एनओसी नहीं लिया। ठेकेदार को टेंडर मिला तो उसने तेजी से कार्य शुरू कर दिया। अभी तक करोड़ों रूपए इस परियोजना पर व्यय भी हो चुके हैं। कार्य शुरू होने के बाद ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की तो जिम्मेदार अधिकारी एनओसी लेने की प्रक्रिया में जुटे। लेकिन तब तक देरी हो गई थी। प्रकरण का संज्ञान एनजीटी ने लिया तो निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया। इस बीच अब शासन ने इस प्रोजेक्ट को असंवैधानिक करार देते हुए कार्य को निरस्त कर दिया। साथ ही पर्यटन विभाग के महानिदेशक को पत्र भेजकर दो किश्तों में जारी हुई क्रमश: 1 करोड़ 55 लाख और 2 करोड़ की धनराशि को ब्याज सहित शासन के खाते में जमा कराकर अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। ये होने थे कार्य बाबा लक्ष्मी दास की कुटी के विकास की तैयार कार्य योजना में रिटेनिंग वॉल, पौधरोपण, प्रकाश व्यवस्था, चाहरदिवारी, जल संरक्षण के अलावा बहुउद्देशीय हॉल, पार्क, पाथवे, कठिनईया नदी के मध्य तक एक कांच का पुल, एक लकड़ी का पुल, कवर्ड पार्किंग के अलावा कमरे भी बनाए जाने थे। फव्वारा भी स्थापित होना था, जिससे की पर्यटक यहां आएं तो उनके मनोरंजन की सारी सुविधा मिल सके। पूरा होता कार्यतो बढ़ते रोजगार के अवसर हरिहरपुर से सटे पर्यटन स्थल के विकास से क्षेत्र में रोजगार का अवसर बढ़ जाता। जिस तरह का प्रोजेक्ट तैयार हुआ था, वह बनने के बाद सभी को आकर्षित करता। जनपद ही नहीं दूसरे जनपदों से भी लोग वहां आतें और पिकनिक मनाते। यहां पर्यटकों की उपस्थिति होने से तमाम तरह की छोटी-बड़ी दुकानों का संचालन भी शुरू हो जाता। यह पर्यटक स्थल अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से कम से कम 200 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराता। बिना एनओसी के विभाग ने कैसे करा दिया टेंडर पर्यटन विभाग के जिम्मेदारों के लापरवाही का ही नतीजा रहा कि टेंडर की प्रक्रिया पूरी करने से पहले ही एनओसी आदि नहीं लिया गया। विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा जहां ठेकेदार को भुगतना पड़ रहा है, वहीं पर्यटन विकास पर भी ग्रहण लग गया है।अब स्थानीय लोग जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




