भारत बंद का जिले में नहीं दिखा असर
संतकबीरनगर। निज संवाददाता किसान आंदोलन को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन व...
संतकबीरनगर। निज संवाददाता
किसान आंदोलन को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन व सोमवार को भारत बंद का निर्णय जिले में कोई खास असर नहीं कर पाया। आम दिनों की तरह दुकानें खुली रही। किसान संगठनों के साथ ज्यादातर विपक्षी पार्टियों ने जुलूस में शामिल होकर प्रदर्शन किया। खलीलाबाद शहर में सूगर मिल तिराहा से लेकर कलेक्ट्रेट तक आंदोलनकारियों ने पैदल मार्च किया। किसी अप्रिय घटना पर विराम लगाने के लिए जिम्मेदार निगहबानी करने में जुटे रहे और मुख्यालय पर आवागमन भी पूरी तरह से सामान्य रहा।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि काले कानून के विरोध में जिले के तीनों तहसीलों में किसान संगठन ने पैदल मार्च कर अपना विरोध प्रकट किया। एमएसपी पर गारंटी कानून के लिए भारत बंद का आह्वान किया गया था।
जनपद के तीनों तहसीलों में किसान संगठन के साथ ही विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने पैदल मार्च कर विरोध प्रदर्शन किया। जिसका नेतृत्व जिला अध्यक्ष पंडित जनार्दन मिश्र ने किया। कांग्रेस पार्टी के साथ ही राष्ट्रीय लोकदल, सपा और बसपा ने भी भारत बंद का समर्थन किया। खलीलाबाद शहर में सुगर मिल तिराहा से लेकर सभी आंदोलनकारियों ने शहर में पैदल मार्च किया। कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचकर आंदोलनकारियों ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा किया।
इस अवसर पर गंगासिंह सैंथवार, राम सिंह, सुभाष चंद्र किसान, मातेंद्र प्रताप, रमाशंकर यादव, विजय वर्मा, प्रेम नाथ पाठक, दयाराम विश्वकर्मा, मुन्ना गिरी, राम तिलक यादव, पूर्णमासी, अवधेश कुमार, मुन्नू चौधरी, प्रेम पाठक, प्रेम वर्मा, अशोक मिश्र, मोहर सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।
सुबह से ही शहर में भारी संख्या में फोर्स तैनात रही :
किसान आंदोलन को लेकर पुलिस विभाग पहले से ही तैयारी कर ली थी। सुबह से ही मुख्यालय के सभी चौराहों पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया था। सभी स्थानों पर अत्याधुनिक व्यवस्था से लैस होकर पुलिस फोर्स मुस्तैद रही। कोतवाली पुलिस के अलावा लोकल इंटेलीजेंस की टीम लगातार हर परिस्थिति पर नजर रखकर उच्चाधिकारियों को मामले की रिपोर्ट देने में जुटी रही। शांतिपूर्ण भारत बंद की समाप्ति और कोई अप्रिय घटना न होने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली। आंदोलनकारियों के पैदल मार्च में पुलिस फोर्स आंदोलनकारियों के साथ कदमताल मिलाकर चलती रही।