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चौतरफा वार से नियंत्रण में मच्छर जनित संक्रामक बीमारियां

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण पाया गया है। जेई और एईएस जैसी बीमारियों पर काबू पाया गया है। समय पर इलाज के चलते मौतों की संख्या बहुत कम हो गई है। बारिश में डेंगू के मरीज बाहर से आ रहे...

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरWed, 20 Aug 2025 10:30 AM
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चौतरफा वार से नियंत्रण में मच्छर जनित संक्रामक बीमारियां

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। मच्छर जनित बीमारियों पर चौतरफ़ा वार से ये पूरी तरीके से नियंत्रित हो गई हैं। जिले में जहां जेई और एईएस जैसी बीमारी पर काबू पा लिया गया है तो वहीं अब मच्छर जनित बीमारियों पर लगभग नियंत्रण हो गया है। समय पर इलाज हो जाने से मच्छर जनित संक्रामक बीमारियों की वजह से मौत लगभग नियंत्रित हो गई है। फिर भी बरसात के मौसम में डेंगू का कहर दिखाता है। लेकिन उसके भी मरीज ज्यादातर बाहर से ही आ रहे हैं। पूर्वांचल में सबसे भयावह स्थिति जापानी इन्सेफेलाइटिस की थी। इस बीमारी में लगभग 30 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती थी और इतने प्रतिशत लोग ही विकलांगता का दंश झेलते थे।

टीका और समय पर इलाज दोनों ने इस बीमारी पर पूरी तरह से काबू पा लिया है। जनपद में एईएस बीमारी के मरीज मिलते तो हैं लेकिन वे इलाज से ठीक हो जा रहे हैं। मौत का ग्राफ शून्य है। संक्रामक बीमारियों के नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ 10 दूसरे विभागों का भी योगदान रहा है। 1 वर्ष के दौरान तीन बार दस्तक अभियान का संचालन मच्छर जनित बीमारियों को काबू करने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान अदा किया है। 10 विभागों ने मिलकर मच्छर पर किया चौतरफा वार मच्छरों के नियंत्रण पर स्वास्थ्य विभाग ही नहीं बल्कि 10 विभागों ने मिलकर चौतारफा वार किया है। इसी के चलते जेई और एईएस जैसी बीमारी पूरी तरह से नियंत्रण में आ गई है। मच्छर जनित बीमारियों के नियंत्रण में शिक्षा विभाग का अहम रोल रहा। प्रार्थना के समय बच्चों को नियमित रूप से बताया जाने लगा कि हाथ धुलकर ही भोजन करें, ताकि किसी प्रकार का संक्रमण पेट के अंदर ना जाने पाए। बच्चों के माध्यम से उनके परिजन पूरी तरह से जागरूक हुए। स्वच्छता के माध्यम से बीमारियां काफी हद तक नियंत्रित हो गई। कृषि विभाग अभियान चलाकर चूहा और छछूंदर को काबू करने के लिए किसानों को प्रेरित किया ताकि इससे होने वाली बीमारी चिकनगुनिया और स्क्रबटायफस पूरी तरह से नियंत्रित हो जाए। जल निगम ने उथले नलों पर लाल घेरा बना कर इंडिया मार्का हैंड पंप से पानी पीने के लिए लोगों को जागरूक किया। इसी के साथ सिंचाई विभाग, नगर पालिका, नगर पंचायत और प्रशासन के अधिकारी भी लोगों को जागरूकता के माध्यम से इस बीमारी को काबू करने के लिए प्रेरित किया। ईटीसी सेंटर ने निभाया अहम रोल मच्छर जनित बीमारियों की इलाज के लिए जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल में मुकम्मल व्यवस्था थी। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ईटीसी केंद्र की स्थापना बीमारियों के नियंत्रण में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। ईटीसी केंद्र पर बुखार से जुड़ा कोई भी मरीज आने पर फौरी तौर पर इलाज किया जाने लगा। पहले बीमारी के आधार पर मरीजों को दवा दी गई और जांच के बाद जिस बीमारी से मरीज संक्रमित पाया गया उसका पूरी तरह से इलाज किया गया। समय पर इलाज होने से मच्छर जनित संक्रामक बीमारी पूरी तरह से नियंत्रण में आ गई। मच्छरों के नियंत्रण के लिए समय-समय पर अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया। इसके अलावा अस्पताल में इलाज की मुकम्मल व्यवस्था होने की वजह से मच्छर जनित बीमारियां पूरी तरह से नियंत्रित हो गई हैं। डॉ वीपी पांडेय संक्रामक रोग नियंत्रण अधिकारी