बजट मिलने के बाद भी नहीं हो रहा भुगतान
संतकबीरनगर। निज संवाददाता जनपद के तमाम सरकारी विभागों में बजट मिलने के बाद भी...
संतकबीरनगर। निज संवाददाता
जनपद के तमाम सरकारी विभागों में बजट मिलने के बाद भी बिजली बिल का भुगतान नहीं हो रही है। सरकारी विभाग बिजली विभाग का लगभग 12 करोड़ रूपए बिल दबा कर बैठे हैं। विभागीय जिम्मेदारों की उदासीनता से बकाया समय से भुगतान नहीं हो पा रहा है। बिजली विभाग के अधिकारियों ने अपना बकाया जमा कराने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। सरकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क कर बकाया विभागीय राजस्व जमा कराने के लिए प्रयास तेज कर दिया है।
बिजली विभाग का जनपद के दोनों डिवीजनों में उपभोक्ताओं पर वर्तमान में लगभग सात सौ करोड़ रूपए बकाया राजस्व चल रहा है। इसकी वसूली के लिए विभाग के जिम्मेदार दिन रात एक किए हुए हैं। उपभोक्ताओं से बकाया राजस्व वसूली के लिए कैंप आदि अन्य माध्यम से अधिकारी प्रयासरत हैं। जिससे विभाग को घाटे से उबारा जा सके। प्राइवेट उपभोक्ताओं के साथ ही सरकारी विभाग भी बिजली विभाग के बकाएदार के रूप में निकल आए हैं। सरकारी दफ्तरों का भारी बिजली बिल बकाया देखते हुए शासन इस पर गंभीर हो गया। स्थानीय स्तर पर सरकारी विभागों का बकाया बिजली बिल भुगतान करने के लिए कोषवाणी के अनुसार जनपदवार, विभागों को बजट आवंटन किया गया है जिससे विद्युत निगमों का बकाया बिजली बिल भुगतान किया जा सके। विभागीय जानकारों की मानें तो जनपद को 266.75 लाख रूपए का एलाटमेंट हुआ है। इसके सापेक्ष 15.16 प्रतिशत लगभग 40.44 लाख रूपए सरकारी विभागों को रिसीव भी हो गया है। इस बजट को सरकारी विभाग सिर्फ बिजली बकाया के मद में भुगतान करेंगे। विभागवार कोषागार में धन उपलब्ध है। इसके बावजूद विभागीय जिम्मेदार बिजली विभाग के बकाया बिल भुगतान में रुचि नहीं ले रहे हैं। शासन से बजट आवंटन के बाद पावर कारपोरेशन ने जनपदवार लिस्ट भेजकर अपने विभागीय जिम्मेदारों को बकाया बिल जमा कराने के लिए सभी सरकारी विभाग के जिम्मेदारों से संपर्क करने का निर्देश दिया है। इसके बाद बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने विभाग का बकाया राजस्व जमा कराने के लिए सूची के अनुसार सरकारी विभाग के जिम्मेदारों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।
सरकारी दफ्तरों में बिजली विभाग का लगभग 12 करोड़ रूपए बिल बकाया है। पावर कारपोरेशन से बजट आवंटन का पत्र मिला है। कुछ विभागों के मुखिया से संपर्क किया गया है। सरकारी दफ्तर के जिम्मेदारों से पत्राचार व अन्य माध्यम से संपर्क कर उन्हें बजट आवंटन की जानकारी देकर बकाया बिजली बिल जमा कराने का प्रयास किया जा रहा है।
आरके सिंह, एक्सईएन वितरण
खलीलाबाद डिवीजन