कर्ज लेकर जिम खोले, वापस मांगी रकम तो ठोक दी गोली
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में दोस्तों ने कर्ज चुकाने के लिए आयुष की हत्या कर दी। आरोपी आदर्श शुक्ला ने एक करीबी दोस्त से अवैध पिस्टल मांगी और उसी से आयुष को गोली मार दी। आयुष अपने दोस्तों से पैसे वापस मांग रहा था,...

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। दोस्तों ने ही आयुष की हत्या की थी। वजह सिर्फ कर्ज की रकम चुकता न करनी पड़े और दोस्ती के रिश्ते को कंलकित कर दिया। हत्यारोपी आदर्श शुक्ला ने अपने एक करीबी दोस्त से मंगनी पिस्टल मांगी थी और उसी से आयुष के सीने में गोली ठोक दी थी। पुलिस पिस्टल मुहैया कराने वाले दोस्त की पहचान कर कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है। बस्ती जनपद के पुरानी बस्ती क्षेत्र के मरवटिया निवासी आरोपी 26 वर्षीय आदर्श शुक्ला की पिछले तीन साल से खलीलाबाद के पटखौली के आयुष सिंह उर्फ संगम से दोस्ती थी। कोतवाल पंकज कुमार पांडेय के मुताबिक पूछताछ में आरोपी आदर्श ने बताया कि वह काफी दिन पहले अपने मित्र आयुष सिंह उर्फ संगम से 10 लाख रुपये व्यापार करने के लिए उधार लिया था।
जबकि बस्ती के कप्तानगंज क्षेत्र के अभयपुरा निवासी मित्र सिद्धार्थ सिंह भी आयुष सिंह उर्फ संगम से 5-6 लाख रुपये जिम खोलने के लिए उधार लिए थे। आयुष दोनों से अपने दिए रकम को वापस मांग रहा था तो वे लोग टाल-मटोल कर रहे थे। वह अपने दोस्त रोहित नाम के युवक से मंगनी अवैध पिस्टल मांगे थे। आरोपी शिवम पासवान के सहयोग से उन्हें राज ग्लोबल स्कूल के पास ले गए और थार गाड़ी में ही मंगनी पिस्टल से आयुष के सीने में गोली मार कर हत्या कर दिए। घटना से बचने के लिए आयुष को पहले भुजैनी स्थित एक प्राइवेट अस्पताल ले गए,फिर वहां से जिला अस्पताल ले गए थे। आरोपी आदर्श शुक्ला ने यह भी बताया कि वह कर्ज की रकम से खलीलाबाद में जिम चलाता है। जबकि सिद्धार्थ सिंह बस्ती में जिम चला रहा था। दोस्त रोहित अवैध पिस्टल नंदगंज गाजीपुर से 35 हजार रुपये में खरीद कर लाया था। जिसकी जांच की जा रही है। बड़े बेटे की मौत से बिखर गया परिवार पोस्टमार्टम हाऊस पर आए पीड़ित पीयूष सिंह ने बताया कि आयुष सिंह उर्फ संगम उसके बड़े भाई थे। मां-बाप की बड़ी संतान होने की वजह से आयुष पर परिवार को नाज था। 19 अगस्त को ही थार गाड़ी की किस्त जमा करनी थी। इसी लिए भाई आयुष दोनों आरोपियों से अपने उधार दिए रकम को मांग रहे थे। सुबह ही घर से निकल गए थे,लेकिन उन्हें क्या पता था कि कर्ज चुकाने से बचने के लिए अपने ही दोस्त कातिल बन जाएंगे। मां सरिता का रो-रो कर बुरा हाल था। नाते-रिश्तेदार भी गमगीन थे। आयुष की हत्या में शामिल तीनों आरोपी उसके दोस्त ही निकले। आरोपी आदर्श को अवैध पिस्टल मुहैया कराने वाले की पहचान पुलिस कर चुकी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगी हुई है। पकड़े गए तीनों आरोपी जेल भेज दिए गए। संदीप कुमार मीना, एसपी
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