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संतकबीरनगर में बाढ़ से घिरे परिवारों ने बंधे पर ली शरण

धनघटा तहसील में उफनाई सरयू के जलस्तर में बुधवार को कमी आने के बाद भी जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से 60 सेमी ऊपर बह रहा है। बाढ़ से घिरे गांवों से पीड़ित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का...

संतकबीरनगर में बाढ़ से घिरे परिवारों ने बंधे पर ली शरण
हिन्दुस्तान टीम,संतकबीरनगरWed, 05 Aug 2020 11:16 PM
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धनघटा तहसील में उफनाई सरयू के जलस्तर में बुधवार को कमी आने के बाद भी जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से 60 सेमी ऊपर बह रहा है। बाढ़ से घिरे गांवों से पीड़ित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है। बाढ़ से घिरे गांवों के सैकड़ो परिवारों ने तिघरा बंधे पर शरण ली है। पन्नी व त्रिपाल के सहारे पीड़ित परिवार समय गुजारने को मजबूर हैं। बाढ़ से सैकड़ों घरों में पानी भरा है। प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवारों में राहत सामग्री का वितरण शुरू किया गया है। वहीं कुआनो की बाढ़ से हैंसर ब्लाक का बेलमा गांव प्रभावित है। गांव के गली, रास्ते, रिहायसी मकानों में पानी भरा है।

हैंसर ब्लाक सरयू का जलस्तर घटने के बावजूद डेढ़ दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ प्रभावित गांव कठहा, गुनवतिया, ढोलबजा, गायघाट, सियर कला, सरैया, खड़गपुर, चकदहा, कनरपुर, सुरहा, धमचिया, दौलतपुर, खालेपुरवा, गुलरहिया, छपरा मगर्वी का टोला केवटाही आदि में सैकड़ों मकानों में पानी घुसने से खाद्यान्न व अन्य जरूरी सामान बर्बाद हो चुके हैं। प्रभावित गांवों के सैकड़ों परिवारों ने घर छोड़ बंधे पर शरण ली है। सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए पीड़ित परिवारों को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

जीविकोपार्जन में आ रही दिक्कत

पीड़ित चन्द्रभान यादव, राम शंकर यादव, सूर्य बली, रामचन्द्र यादव, त्रियुगी, हरिराम, गणेश आदि ने बताया कि परिवार के जीविकोपार्जन में दिक्कतें आ रही हैं। भोजन, स्वच्छ पानी नसीब नही हो रहा है। पीड़ितों ने बताया कि घरो में रखी खाद्य सामग्री पानी में डूब गई। भोजन बनाने के लिए ईंधन नहीं है। रोशनी करने के लिए मिट्टी का तेल भी नहीं है। पीड़ितों ने कहा कि प्रशासन के राहत इंतजाम सिर्फ कागजों में चल रहे है।

हैंसर का बेलमा गांव कुआनों की बाढ़ से घिरा

हैंसर क्षेत्र में कुआनो का जलस्तर निकटवर्ती गांवों में तबाही मचाए हुए हैं। कुआनों की बाढ़ में हैंसर का बेलमा गांव घिर गया। गांव में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। बेलमा गांव नदी के तट ओर बसा हुआ है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सर्वेश कुमार यादव, रामसकल साहनी, सुभाष राय, बालेंद्र साहनी, नकुल साहनी आदि ने बताया कि गांव के दो दर्जन घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गांव में जाने वाले सम्पर्क मार्ग पानी में डूबे हैं। ग्रामीण नांवों के सहारे गन्तव्य को पहुंच रहे है। पीड़ितों ने बताया कि अब तक गांव में कोई प्रशासन का जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा है। पानी से डूबे घरों में रखे खाद्यान्न नष्ट हो गए है। तीन दर्जन से अधिक पीड़ित परिवार पिछले एक सप्ताह से बाढ़ की दुश्वारियां झेलने को मजबूर है। एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि राहत व बचाव के लिए प्रशासन सक्रिय है। पीड़ित परिवारों को हर सम्भव मदद पहुंचाई जा रही है। तहसील के अधिकारी व कर्मी प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किए गए है।

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