बड़े घोटाले की आशंका, निजीकरण निरस्त करने की मांग
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने अधिशासी
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने अधिशासी अभियंता कार्यालय पर धरना दिया। इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण के मामले में पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की निजी घरानों से मिलीभगत और बड़े घोटाले की आशंका है। सभी ने प्रकरण में सीबीआई जांच कराने की मांग की है। निजीकरण का निर्णय प्रदेश के व्यापक हित में तत्काल निरस्त किया जाए। विरोध सभा के दौरान इं. धनंजय सिंह ने कहा कि प्रारंभिक तौर पर ही निजीकरण के सारे मामले में बड़े भ्रष्टाचार की आशंका जताई गई थी। समिति ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ने वाली सबसे बड़ी संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया से भी इस बाबत विचार विमर्श किया।
विस्तृत विचार विमर्श के बाद ऐसे तथ्य सामने आए हैं। जिससे ऐसा लगता है कि निजीकरण के मामले में बहुत बड़ा घोटाला और भ्रष्टाचार होने जा रहा है। इं. अजय चौरसिया ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को देखते हुए निजीकरण के सारे मामले की तत्काल सीबीआई जांच कराई जाए। इस मीटिंग में देश के इतिहास में पहली बार शीर्ष प्रबंधन द्वारा डिस्कॉम एसोशिएशन बनाई है। निजीकरण को अंजाम देने के दृष्टिकोण से पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष गोयल को इसी मीटिंग में डिस्कॉम एसोशिएशन का जनरल सेक्रेटरी बनाया गया। इसके अलावा अन्य बिंदु शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारी, किसान, उपभोक्ता, व्हीसल ब्लोअर, सरकारी कर्मचारी, राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन सब मिलकर निजीकरण के पीछे हो रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते रहेंगे। निजीकरण के विरोध में अभियान और संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता।
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