निजीकरण और उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों के वापस होने तक संघर्ष रहेगा जारी
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में बिजली कर्मियों ने
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में बिजली कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में धरना दिया। कर्मचारियों ने कहा कि यह विरोध तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार निजीकरण के फैसले को वापस नहीं कर देती। संघर्ष समिति के पदाधिकारी नारायण चंद्र चौरसरिया ने कहा कि 220 केवी और इससे अधिक क्षमता के विद्युत उपकेंद्रों और लाइनों का कार्य टीबीसीबी प्रक्रिया के तहत देने का निर्णय वस्तुतः पूरे ट्रांसमिशन सेक्टर के निजीकरण का राजमार्ग है। 100 करोड़ रुपए की लागत से अधिक की ट्रांसमिशन परियोजनाओं पहले ही टीबीसीबी प्रक्रिया के तहत निजी घरानों को दी जा रही हैं।
उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग लगभग 31000 मेगावॉट है वहां उत्तर प्रदेश का सरकारी क्षेत्र का कुल उत्पादन इसका पांचवा हिस्सा लगभग 6000 मेगावॉट है। प्रदेश में नई बिजली परियोजनाएं बड़े पैमाने पर निजी घरानों को पहले ही दी जा चुकी हैं। अब प्रदेश के सबसे बड़े अनपरा और ओबरा ताप बिजली घर के एक्सटेंशन प्रोजेक्ट को ज्वाइंट वेंचर में मेजा थर्मल प्राइवेट को देना उत्पादन निगम के समाप्ति की तैयारी है। हम लोग निजीकरण का विरोध करते रहेंगे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




