जिला अस्पताल में फैला है दवा माफियाओं का जाल
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिला संयुक्त चिकित्सालय में दवा माफियाओं ने अपना जाल फैला रखा है। यहां पर दवा कराने आए गरीब मरीजों को बाह
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम।
संतकबीरनगर जिला संयुक्त चिकित्सालय में दवा माफियाओं ने अपना जाल फैला रखा है। यहां पर दवा कराने आए गरीब मरीजों को बाहर के मेडिकल स्टोर की दवा खरीदनी पड़ रही है। हालत यहां तक है कि अधिकांश चिकित्सकों के कक्ष में मेडिकल स्टोर पर रहने वाले कंपाउंडर चिकित्सक के बगल में बैठकर दवा लिखते हैं। इतना ही नहीं एमआर भी ओपीडी में दवा लिखने का कार्य करते हैं। ऐसे में जिला अस्पताल पर आने वाले अधिकतर मरीजों को एक हजार से दो हजार रुपये तक की दवा खरीदनी पड़ रही है। जिला संयुक्त चिकित्सालय में मरीजों को अस्पताल की दवा कम बाहर से अधिक दवा लेनी पड़ रही है। यह हाल प्रतिदिन मरीजों के साथ हो रहा है। किसी को नौ सौ तो किसी को दो हजार रुपए की दवा खरीदनी पड़ रही है। अस्पताल आए तरैनी गांव निवासी लल्लन यादव फिजीशियन चिकित्सक को दिखाए तो वहां पर उन्होंने बताया कि तुम्हारे आंत में सूजन हो गया है। दवा लिख रहा हूं। कुछ दवा अंदर की है व कुछ बाहर मेडिकल स्टेार की। जिस पर उन्होंने वहां पर नौ सौ रूपये की दवा खरीदी। परसा गांव की रहने वाली ममता ने अपनी मां इंद्रावती को ओपीडी में दिखाया तो वहां पर उसे अंदर की दो दवा मिली। बाकी 1375 रूपए की दवा बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ी। दांत दर्द से परेशान ठोका गांव के रहने वाले जगदीश शर्मा को भी तीन सौ रूपये की दवा बाहर से खरीदनी पड़ी। वहीं सहजनवा के रहने वाले विष्णु यादव अपने बेटे को रात्रि में बुखार होने पर चिकित्सक को दिखाने आए थे। उन्हें भी चिकित्सक बाहर की दवा लिखी लेकिन उनके पास तीन सौ रूपये रहे जिस पर वे पूरी दवा नहीं ले सके। इतना ही नहीं चिकित्सकों के बगल में एमआर कुर्सी पर बैठकर अपनी कंपनी की दवा लिखते हैं। जिससे डाक्टर को मोटी रकम मिलती है।
जिला अस्पताल के नोडल सीएमओ डा. रामानुज कन्नौजिया ने कहा कि अस्पताल में भरपूर दवा उपलब्ध है। चिकित्सकों को बाहर से दवा नहीं लिखनी चाहिए। मामले की जानकारी नहीं थी। यदि ऐसा हो रहा है तो जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
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