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मनमाने तरीके से हो रहे स्थानांतरण को रोकने की मांग

संतकबीरनगर। निज संवाददाता स्वास्थ्य विभाग में मनमाने तरीके से हो रहे स्थानांतरण...

मनमाने तरीके से हो रहे स्थानांतरण को रोकने की मांग
हिन्दुस्तान टीम,संतकबीरनगरThu, 22 Jul 2021 10:41 PM
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संतकबीरनगर। निज संवाददाता

स्वास्थ्य विभाग में मनमाने तरीके से हो रहे स्थानांतरण को रोकने के यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन का चल रहा धरना तीसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। धरने में मनमाने तरीके से हो रहे स्थानांतरण को रोकने की मांग की गई।

तीसरे दिन धरने की अध्यक्षता कर रहे डीबी सिंह वरिष्ठ लिपिक ने कहा कि प्रदेश के लिपिकों से धनादोहन व द्वेष भावना से कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें शासन द्वारा निर्धारित नीति की अवहेलना कर विकलांगों, महिलाओं तथा जिनके परिवार में असाध्‍य रोगों से पीड़ित व आश्रितों की अनदेखी कर सौतेला व्यवहार किया गया।

जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम होगी। चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण मिनिस्टर कर्मियों की अन्य विभागों में कार्यरत मिनिस्टीरियल कर्मियों की भी स्थानांतरण नीति तैयार करते हुए प्रदेश के समस्त विभागों के मिनिस्टीरियल कैडर के स्थानांतरण सेवा संबंधी मामलों में एकरूपता लाने की मांग की।

बह्मराज सिंह वरिष्ठ लिपिक ने कहा कि हमारा विरोध स्थानांतरण से नहीं बल्कि नियम विरुद्ध किए गए स्थानांतरण से है I कोरोना काल में मिनिस्ट्रियल संवर्ग में अन्य सभी संगठनों के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य किया। जिसमें अनेकों साथी संक्रमित हुए। इसके बाद भी उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

लिपिक एक अल्प वेतन भोगी कर्मचारी होता है उसका स्थानांतरण अति आवश्यक है तो निकटवर्ती जनपद/मण्डल में किया जा सकता है I वर्तमान तैनाती से सुदूरवर्ती में स्थान स्थानांतरण लिपिक के प्रति दुर्भावना का परिचय देता है। इसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।

निरस्तीकरण से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं है। संजय गुप्ता वरिष्ठ लिपिक संयुक्त जिला चिकित्सालय ने कहा कि महानिदेशालय स्तर से जनपदीय नियंत्रक अधिकारियों पर स्थानांतरित हुए मिनिस्टीरियल कर्मचारियों को दो चरण में कार्य मुक्त किए जाने का आदेश यह परिलक्षित करता है कि शासन मिनिस्टीरियल कर्मियों की एकता एवं विरोध से भयभीत है तथा एकता को तोड़ने का कुचक्र कर रहा है। धरने के दौरान लिपिक फूलचंद, घनश्याम, सौरभ उपाध्याय, भरत त्रिपाठी, संतोष कुमार, बलराम, अरविंद कुमार वर्मा, शिव सागर, राजेंद्र, अनिल कुमार वर्मा, आरबीएसके, विक्रम चौधरी, प्रमोद कुमार पांडेय आदि ने अपने विचार रखे।

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