असनहरा में पुल का नहीं बनाया एप्रोच रोड
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर के विकास खण्ड सेमरियावां क्षेत्र के चंगेरा-मगेरा के असनहरा...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम।
संतकबीरनगर के विकास खण्ड सेमरियावां क्षेत्र के चंगेरा-मगेरा के असनहरा में लम्बे संघर्ष के बाद पुल तो बनकर तैयार हो गया। लेकिन पुल तक जाने के लिए संपर्क मार्ग (सड़क) का निर्माण नहीं किया गया। इसके कारण सिर्फ पैदल व दो पहिया वाहन से ही लोग आ जा रहे हैं। बरसात होने पर इस मार्ग से आना-जाना दुष्कर होगा। 1.13 करोड़ रुपये से निर्मित पुल चालू नहीं हो पा रहा है। गत दिनों हुई बरसात के बाद लोग इधर से जाने से हिचक रहे हैं।
लम्बे आन्दोलन के बाद असनहरा घाट पुल का निर्माण फरवरी 2020 में शुरू कराया गया था। लगभग दो वर्ष अधिक समय में पुल का निर्माण पूरा हो गया। इसके बाद पुल के दोनों ओर संपर्क मार्ग का निर्माण होना था। जल सत्याग्रह आन्दोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश राजभर ने बताया कि एप्रोच के निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की थी। किंतु पीडब्ल्यूडी विभाग अभी तक संपर्क मार्ग नहीं बनवा पाया है। इससे पुल चालू नहीं हो पा रहा है। दोनों तरफ करीब एक-एक किलोमीटर सड़क का निर्माण होना है।
असनहरा के ग्रामीणो ने बताया पुल का निर्माण बीते जून माह में पूरा हुआ है। निर्माण पूरा हुए लगभग एक महीना हो जा रहा है मगर अभी तक पुल के दोनों तरफ एप्रोच रोड का निर्माण नहीं हुआ। केवल पुल के दोनों तरफ मिट्टी डाल देने से दो दिन पहले हुई बरसात में रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था। पुल के दोनों तरफ काफी कीचड़ होने से कोई भी चाहे पैदल हो या दो पहिया वाहन से पुल पर नहीं चढ़ पा रहा था।
पुल के ऊपर से पानी की निकासी नहीं
पुल का निर्माण हो गया। दोनों तरफ रेलिंग बन गई। लेकिन पुल के ऊपर जमा होने वाले पानी की निकासी के लिए व्यवस्था नहीं की गई है। दो दिन पहले हुई बारिश का पानी पुल के ऊपर जमा हो गया था। जबकि पुलों के निर्माण के साथ जल निकासी की व्यवस्था की जाती है। हाइवे पर जितने पुल बने हैं सभी पर जल निकासी की व्यवस्था की गई है।
पुल निर्माण होने से नहीं लगाना पड़ेगा लंबा चक्कर :
इस क्षेत्र के लोग मुण्डेरवा बाजार से खरीददारी करते हैं। यहां कई स्कूल होने से बच्चे भी पढ़ाई के लिए जाते हैं। पुल चालू होने से चंगेरा मंगेरा, टेमा रहमत, असनहरा, डारीडीहा, केनौना, कुर्थिया और आसपास के बारह से अधिक गांवों के लोगों के लिए लम्बी दूरी बच जाएगी। लोगों को आठ किमी का चक्कर लगाने से बच जाएगा। इसके साथ ही 10 मिनट में मुण्डेरवा तक का सफर पूरा हो जाएगा। टेमा रहमत, चंगेरा मंगेरा से होकर लोग जा सकेंगे।
पुल के लिए लम्बा चला था आन्दोलन
पुल निर्माण के लिए जल सत्याग्रह आन्दोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश राजभर की अगुवाई में तीन बार आन्दोलन चला। पहली बार तीन दिन, दूसरी बार नौ दिन और तीसरी बार 55 दिन आन्दोलन चला। तीसरा आन्दोलन 1 अगस्त 1018 से 24 सितम्बर 2018 तक चला। इसी दौरान 14 सितम्बर 2018 को आंदोलनकारी देवीशरण की मौत हो गई थी।
