Approval Pending for Four New Police Stations in Sant Kabir Nagar आबादी तो बढ़ी पर नहीं बढ़ पाए थाने , Santkabir-nagar Hindi News - Hindustan
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आबादी तो बढ़ी पर नहीं बढ़ पाए थाने

Santkabir-nagar News - संत कबीर नगर जिले में चार नए थानों की फाइल पिछले डेढ़ साल से अटकी हुई है। प्रशासन ने नए थानों के लिए जमीन खोज ली है, लेकिन मंजूरी नहीं मिल रही है। जिले की बढ़ती आबादी और गांवों की दूरी के कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरThu, 26 Dec 2024 12:59 PM
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आबादी तो बढ़ी पर नहीं बढ़ पाए थाने

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में चार नए थाने बनने की फाइल शासन में पिछले डेढ़ साल से अटकी हुई है। जिला प्रशासन ने प्रस्तावित नए थानों के लिए जमीन भी ढूंढ़ लिया है। आबादी तो बढ़ गई, लेकिन प्रस्तावित नए थानों के बनने की मंजूरी अभी तक नहीं मिल पाई। जिसकी वजह से फरियादियों को अधिक दूरी और समय खर्च कर थानों पर समस्या निस्तारण के लिए जाना मजबूरी है।

करीब 21 लाख की आबादी वाले संतकबीरनगर जिले में तीन विधान सभाएं खलीलाबाद, मेंहदावल और धनघटा शामिल हैं। जिसकी सुरक्षा के लिए जिले में महिला थाना समेत नौ थाने स्थापित हैं। वर्ष 1997 में संतकबीरनगर जिला अस्तित्व में आया, लेकिन लगभग सवा दो सौ गांव ऐसे थे, जिनके राजस्व संबंधी काम जिले से होते थे, मगर पुलिस संबंधी कार्य बस्ती और सिद्धार्थनगर जिले से होते थे। वर्ष 2008 में तत्कालीन एसपी सुग्रीव गिरी की पहल से गैर जिले के थानों से जुड़े वे सभी गांव जनपद में शामिल हो गए। उसके बाद थानों में गांवों की संख्या और आबादी का भार और बढ़ गया।

थानों से तमाम गांवों की दूरी भी बढ़ी और घटना होने पर समय से थानों पर फरियादी के पहुंच पाने या फिर सूचना पर समय से पुलिस के पहुंचने की समस्या बरकरार है। वर्ष 2008 में ही तत्कालीन एसपी सुग्रीव गिरी ने जिले में पांच नए थाने स्थापित किए जाने का प्रपोजल शासन को भेजवाया था। वर्ष 2019 में पूर्व विधायक राकेश सिंह बघेल ने प्रयास करके प्रस्तावित नया थाना बेलहर की मंजूरी शासन से कराई थी। उसके बाद से सांथा पुलिस चौकी में बेलहर थाने का संचालन भी शुरू हो गया। नया थाना कार्यालय भवन और आवासीय भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन अन्य चार थाने की फाइल निरस्त कर दी गई थी। करीब डेढ़ साल पहले एसपी सत्यजीत गुप्ता ने चार नए थाने पौली, लोहरैया, कालीजगदीशपुर और कांटे का प्रपोजल नए सिरे से तैयार करा कर शासन को भेजवा दिया है।

यदि थानों में गांवों की संख्या और आबादी का भार देखा जाए तो धनघटा थाने में कुल 326 गांव हैं। आबादी भी करीब तीन लाख के आस-पास है। पुलिस बल की संख्या सीमित है और बल की कमी की वजह से नए मानक के अनुसार पुलिस कर्मियों की तैनाती भी नहीं है। अपराध के दृष्टिकोण से भी जनपद संवेदनशील है। उसमें खास कर धनघटा थाना है। जिसके दक्षिण में घाघरा नदी है, जो अंबेडकरनगर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती जनपद की सीमा को छूता है। अपराधियों के लिए दियारा का इलाका काफी महफूज माना जाता है। धनघटा थाने का काट कर दो नए थाने पौली और लोहरैया को नया थाना बनाए जाने का प्रपोजल है। पौली और लोहरैया वाच एंड वाच चौकी भी है। महुली थाने में भी करीब 200 गांव है। इस थाने के हिस्से को काट कर काली जगदीशपुर में भी नया थाना बनना है। कोतवाली खलीलाबाद के कांटे चौकी को थाना बनाया जाना है।

धनघटा के विधायक गणेश चंद्र चौहान ने कहा कि नए थानों की स्थापना की दिशा में प्रयास जारी है। इसके साथ शासन में पैरवी शुरू कर दिए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मिल कर नए थानों की महत्ता को बताते हुए स्वीकृति दिलाने की मांग की है। पूरी उम्मीद है कि नए थानों की स्वीकृति जल्द ही मिल जाएगी। एसपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि चार नए थानों का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। नए थानों की स्थापना की दिशा में पूरी पहल की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही शासन स्तर से नए थानों के बनने की मंजूरी मिल जाएगी।

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