भक्त की करुण पुकार सुनकर प्रभु अवश्य दर्शन देते हैं
Sambhal News - चन्दौसी में श्रीमद भागवत कथा के दौरान कथाव्यास शिवशंकर भारद्वाज ने निष्काम भक्ति और अच्छे कर्मों का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि जीवन में केवल कर्म ही हमारे साथ जाते हैं। कथा में दुर्योधन की जिद और...

चन्दौसी। भागवत कथा ही वह माध्यम है जो जीव को इस भवसागर से आसानी से पार ले जाती है। मनुष्य के साथ कुछ नहीं जाता है, केवल उसके कर्म साथ जाते हैं। इसीलिए अच्छे कर्म करते रहिए। यह सद विचार कथा व्यास शिवशंकर भारद्वाज ने श्रीमद भागवत कथा के दौरान व्यक्त किए। आवास विकास के अहिल्याबाई पार्क में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथाव्यास शिवशंकर भारद्वाज ने निष्काम भक्ति के विषय के बारे में बताया। कहा कि एक बार शनकादिक ऋषियों ने सूत जी महाराज से पूछा कि इस कलियुग में प्राणी को विवेक और निष्काम भक्ति कैसे प्राप्त हो सकती है। पुराणों का सार क्या है और भगवान अवतार क्यों लेते हैं। तब सूत जी ऋषियों की जिज्ञासा शांत करने के लिए उन्हें बताया कि संसार स्वप्नवत है, परमात्मा ही सच्चिदानंद है। जैसे अंधेरे में पड़ी रस्सी सांप जैसी लगती है। वैसे ही संसार भी भांपता है। भक्त की करुण पुकार सुनकर प्रभु दर्शन अवश्य देते हैं। उन्होंने बताया कि दुर्योधन की जिद थी कि वह सुई की नोक के बराबर भूमि भी पांडवों को नहीं देगा। उसकी इस जिद के कारण महाभारत का युद्ध हुआ। कथा के समापन पर आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर आशुतोष शुक्ला, अभिषेक शुक्ला, दीप्ति शुक्ला, प्रमोद शुक्ला, आयुषी शुक्ला, कंचन शर्मा, दिनेश शर्मा आदि मौजूद रहे।
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