पुराने बाईपास के गड्ढों में जलभराव से बढ़ा हादसों का खतरा
मुरादाबाद-आगरा नेशनल हाइवे से अलग-थलग किए गए पुराने बाईपास की सड़क की हालत खस्ता है। बारिश में सड़क के गड्ढों में जलभराव होने से हादसों का खतरा बढ़ गया है। गुरुवार को गड्ढों में भरे बारिश के पानी से...
मुरादाबाद-आगरा नेशनल हाइवे से अलग-थलग किए गए पुराने बाईपास की सड़क की हालत खस्ता है। बारिश में सड़क के गड्ढों में जलभराव होने से हादसों का खतरा बढ़ गया है। गुरुवार को गड्ढों में भरे बारिश के पानी से वाहन फर्राटा नहीं भर सके। यातायात प्रभावित रहा।
मुरादाबाद-आगरा नेशनल हाईवे को गांव भुलावई से गांव आटा के निकट निकाले गए नये बाईपास से जोड़ने के बाद मंडी समिति बाईपास को नेशनल हाइवे पर से अलग कर दिया है। नेशनल हाईवे से अलग होने के बाद पुराने बाईपास की सड़क की हालत काफी खस्ता हो गई है। गांव भुलावई से बाईपास तिराहा होते हुए मंडी समिति और रेलवे क्रासिंग 36बी से होकर संभल तिराहे तक की पांच किलोमीटर की सड़क में गहरे गड्ढे हादसों का न्यौता दे रहे हैं। वहीं बुधवार को हुई बारिश का पानी सड़क के गड्ढों में भर गया है। जिससे वाहनों को पानी भरा होने से गड्ढा नजर नहीं आता। ऐसे में हादसों का खतरा बढ़ गया है। गड्ढे इतने गहरे हैं कि गुरुवार को भी गड्ढों में पानी भरा रहा। रेलवे क्रासिंग 36बी पर तो हालत ये थी कि कोई वाहन तेजी से निकलता था तो गड्ढों में भरे पानी की छींटें पड़ोसी वाहन चालक के ऊपर आ रही थीं। जिससे कई बार लोगों में कहासुनी भी हुई। इस दौरान लोग प्रशासन को कोसते नजर आए। क्योंकि पुराने बाईपास की सड़क में लंबे समय से गड्ढे हैं। जबकि इस मार्ग से चौबीस घंटे भारी ट्रैफिक गुजरता है। प्रशासन सड़क के गड्ढों की पेचिंग कराने की सुध नहीं ले रहा।