सावन के आखिरी सोमवार को मंदिरों में जलाभिषेक को उमड़े श्रद्धालु
श्रावण मास के चौथे व आखिरी सोमवार को भगवान शिव के जयकारों से शिवमंदिर गूंज उठे। सुबह से ही भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और श्रद्धालुओं ने विधि विधान से भगवान भोलेनाथ का पूजन किया। मंदिरों...
श्रावण मास के चौथे व आखिरी सोमवार को भगवान शिव के जयकारों से शिवमंदिर गूंज उठे। सुबह से ही भारी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे और श्रद्धालुओं ने विधि विधान से भगवान भोलेनाथ का पूजन किया। मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भगवान से मनोवांछित फल की कामना की।
चौथे सोमवार को जलाभिषेक के लिए मंदिरों को सुसज्जित ढंग से सजाया गया था। दिन निकलते ही भोर से श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिरों पर लगनी शुरू हो गई। मंदिरों में लाइन लगकर भक्तों ने जलाभिषेक किया। शिवलिंग पर बेलपत्र, धूप, नैवैद्य, गंगाजल, भांग, धतूरा, दूध, दही, धूप-दीप आदि से विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। इस दौरान शिव मंदिरों में हर हर महादेव, बोल भोले की बम, आदि जयकारों की मंदिरों में गूंज सुनाई दी। इससे माहौल भक्तिमय हो गया।
श्रद्धालुओं ने पूजन भगवान भोलेनाथ से मन वांछित फल की कामना की। झारखंडी व प्राचीन शिव मंदिर पर भंडारे का आयोजन कुढ़। चंदौसी क्षेत्र के गांव छाबड़ा स्थित भगवान शिव के झारखंडी मंदिर और गांव बेरनी स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। भगवान शिव का जलाभिषेक कर श्रद्धालुओं ने मन्नतें मांगी। साथ ही शिव भक्तों ने मंदिर प्रागंण में भंडारे का आयोजन किया। श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ कमाया।
इन मंदिरों पर प्रमुख रूप से हुआ जलाभिषेक
चंदौसी। चंदौसी को मिनी वृंदावन कहा जाता है। गली मोहल्लों में मंदिरों की भरमार है। इसके बावजूद श्रावण मास के चौथे व आखिरी सोमवार को प्रमुख रूप से नगर के बड़ा महादेव, सीता रोड स्थित मूंछो वाले शंकर भगवान, सुभाष रोड स्थित प्राचीन शिव मंदिर, कचहरी रोड स्थित शिव मंदिर तथा मौलागढ़ स्थित प्राचीन शिव समेत नगर के आठ मंदिरों में जलाभिषेक किया है। इसके अलावा नरौली, कुढ़, बेरनी, बनियाठेर आदि क्षेत्रों में प्रमुख रूप से जलाभिषेक हुआ।
पुलिस रही तैनात
चंदौसी। प्रमुख मंदिरों पर जलाभिषेक के दौरान सुबह से ही पुलिस तैनात रही। सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन पहले से ही सतर्क है। मंदिरों में लाइन लगाकर जलाभिषेक कराया गया।