संभल में तीन तलाक अध्यादेश के खिलाफ भड़कीं मुस्लिम महिलाएं
केंद्र सरकार की ओर से तीन तलाक पर लाए गए अध्यादेश का विरोध लगातार जारी है। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड वूमेन विंग की यूपी कन्वीनर के साथ मुस्लिम महिलाओं ने रविवार को अध्यादेश के खिलाफ आवाज बुलंद...
केंद्र सरकार की ओर से तीन तलाक पर लाए गए अध्यादेश का विरोध लगातार जारी है। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड वूमेन विंग की यूपी कन्वीनर के साथ मुस्लिम महिलाओं ने रविवार को अध्यादेश के खिलाफ आवाज बुलंद की। महिलाओं ने प्रदर्शन कर अध्यादेश की मजम्मत करते हुए केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। विरोध कर रही महिलाओं ने कहा कि उन्हें शरीयत में छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं है। अध्यादेश के विरोध को लेकर बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक में रणनीति बनाई जाएगी।
केंद्र सरकार तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ अध्यादेश लाई है। एक साथ तीन तलाक बोलने को गैरकानूनी बना दिया है। देश भर में तमाम तलाक पीड़िताएं इस अध्यादेश का समथर्न कर रही हैं, जबकि संभल में अध्यादेश के खिलाफ लगातार आवाज उठ रही है। सड़क पर आकर विरोध करने वाली महिलाएं ही हैं। मुहल्ला मियां सराय में रविवार को मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की वूमेन विंग की यूपी की कन्वीनर बुशरा फात्मा के साथ तमाम महिलाओं ने इकट्ठा होकर अध्यादेश की मजम्मत करते हुए आक्रोश जताया।मुस्लिम महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए अध्यादेश को वापस लेने की मांग की।
पत्रकारों से बात करते हुए कन्वीनर बुशरा फात्मा ने कहा कि संविधान ने प्रत्येक वर्ग को अपने धार्मिक नियमों यानि पर्सलन ला को मानने की पूरी स्वतंत्रता दी है लेकिन केंद्र सरकार मुसलमानों के पर्सनल ला जैसे तीन तलाक और हलाला आदि पर अध्यादेश लाकर संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रता को छीनना चाहती है। सरकार चंद गिनती की महिलाओं से मुतालबा करके वोटरों को खुश करने के लिए इस तरह के निर्णय ले रही है। अध्यादेश में पति को तीन साल तक जेल में डाले जाने का प्रावधान किया गया है। इससे खानदान के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी। पत्नी व बच्चों को मुसीबत के अलावा कुछ भी न मिलेगा। अगर सरकार को मुस्लिम वर्ग की चिंता है तो दूसरी समस्याओं को हल करने के लिए कुछ पहल करके दिखाए। उन्होंने कहा कि कुछ महिलाओं को पीड़ित बनाकर तीन तलाक को राजनीति का मोहरा न बनाया जाए।