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गंगा में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, जयकारों से गूंजे घाट

Sambhal News - भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गंगा घाटों पर देखी गई। दो दिनों में करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया और तीर्थ पुरोहितों से पूजा-अर्चना की। जाम की स्थिति के बावजूद...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलSun, 7 Sep 2025 06:36 PM
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गंगा में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, जयकारों से गूंजे घाट

भाद्रपद पूर्णिमा के पावन अवसर पर रविवार को श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। जिलेभर के सभी गंगा घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। प्रशासन के अनुसार दो दिनों में करीब दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया। दोपहर बाद तक गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी पुलिस फोर्स तैनात रही। भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर जनपद के राजघाट, सिसौना डांडा, हरिबाबा बांध, साधूमणि, सांकरा गंगा घाट पर सुबह से श्रद्धालु सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गए थे। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाटों पर मौजूद तीर्थ पुरोहितों से भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी और विधिपूर्वक पूजन किया।

वहीं, हज़ारों लोगों ने अपने पितरों के श्राद्ध कर्म व पिंडदान कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान हनुमान मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर और गंगा मंदिरों में भी भक्तों ने अपने ईष्टदेवों की पूजा-अर्चना कर परिवार की सुख-शांति की कामना की। दिनभर गंगा घाटों पर हर हर गंगे के जयकारें गूंजते रहे। तमाम परेशानियों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी। लोग स्नान, पूजन और पिंडदान कर धार्मिक अनुष्ठानों में पूरी श्रद्धा के साथ शामिल हुए। घाटों पर भजन-कीर्तन और धार्मिक आयोजनों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। श्रद्धालुओं की भीड़ से जाम के हालात गुन्नौर। कस्बा बबराला के राजघाट गंगा घाट पर सुबह से श्रद्धालुओं की गंगा स्नान के लिए भारी उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते राजघाट गंगाघाट समेत अन्य प्रमुख घाटों पर सुबह से ही जाम की स्थिति बन गई। घाटों की ओर जाने वाले मार्गों पर वाहनों की दो किलोमीटर लंबी कतारें लग गईं। जाम में फंसे लोग भीषण उमस और गर्मी में पसीना-पसीना हो गए। स्थिति इतनी विकट हो गई कि लोगों ने जान जोखिम में डालकर रेल की पटरियों से पैदल सफर करना शुरू कर दिया। कुछ स्थानों पर तो रेल पटरी पर भी वाहन आ गए। जिससे और भी खतरा बढ़ गया। जाम को खुलवाने के लिए यातायात पुलिस को कड़ी मशक्कत करती पड़ी।