सावन में शिव पुराण को पढना और सुनना पुण्यदायी
शिव पुराण 18 पुराणों में से एक है। जिसमें भगवान शिव की लीला-कथाओं, पूजा विधि, शिवलिंग की उत्पत्ति और उनकी भक्ति से संबंधित कथाएं हैं। यह विचार कथा...
शिव पुराण 18 पुराणों में से एक है। जिसमें भगवान शिव की लीला-कथाओं, पूजा विधि, शिवलिंग की उत्पत्ति और उनकी भक्ति से संबंधित कथाएं हैं। यह विचार कथा व्यास शिवशंकर भारद्वाज ने शिव पुराण कथा के दौरान व्यक्त किए। अक्रूरजीपुरम स्थित महाकालेश्वर मंदिर में हो रही कथा के दूसरे दिन कथा व्यास ने कहा कि शिव पुराण का पाठ आप कभी भी शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं।
कहा, सावन के महीने में शिव पुराण को पढ़ना और सुनना बहुत ही पुण्यदायी होता है। शिव पुराण में चंचला और उसके पति बिंदुग की कथा मिलती। जिन्होंने शिव पुराण के श्रवण से शिवलोक में स्थान पाया। इन्हीं की कथाओं में शिव पुराण के महत्व का वर्णन भी मिलता है। महर्षि व्यास जी के शिष्य सूत जी बताते हैं कि किस प्रकार से शिव पुराण का श्रवण करना चाहिए और इसे सुनने वालों को किन-किन नियमों का पालन करना। कथा व्यास ने शिवलिंगम के बारे में विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने संसार के कल्याण के लिए अनेक कथाओं के माध्यम से शिवपुराण सुनने के महत्व का व्यापक प्रभाव बताया।
कथा में कांवड सेवा समिति के विजय कुमार, गिरीश चंद्र, अंशु वार्ष्णेय, कपिल ओएलएफ, सौरभ बंटी, ज्ञान प्रकाश चिंटू, राजीव गुप्ता, अंशुल गुप्ता, अजय कुमार, विजय कुमार, शिवम वार्ष्णेय, सचिन वार्ष्णेय आदि ने सहयोग किया।
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