वीआईपी बनते-बनते रह गई गुन्नौर सीट, कार्यकर्ता निराश
संभल जनपद की गुन्नौर विधानसभा सीट विधानसभा चुनाव में वीआईपी सीट बनते-बनते रह गई। पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के...
संभल जनपद की गुन्नौर विधानसभा सीट विधानसभा चुनाव में वीआईपी सीट बनते-बनते रह गई। पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मैनपुरी की करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही संभल और गुन्नौर के सपाई मायूस हो गए। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के गुन्नौर से ताल ठोंकने की तैयारी शुरू करके इसे चर्चा में ला दिया था, लेकिन दो दिन पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के गुन्नौर से चुनाव लड़ने की चर्चाओं से सीट के वीआईपी होने की चर्चा तेज हो गई थी।
2004 के उपचुनाव और फिर 2007 के विधानसभा चुनाव में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव गुन्नौर सीट से चुनाव लड़कर गुन्नौर को देश भर में पहचान दिला दी थी। लंबे समय बाद मौजूदा विधानसभा चुनाव में प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने गुन्नौर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो लगने लगा था कि इस बार गुन्नौर का चुनावी मुकाबला रोमांचक होगा और एक बार फिर देश भर की निगाहें यहां पर केंद्रिंत होंगी। कुछ दिन पहले प्रसपा का सपा के साथ गठबंधन हुआ तब भी शिवपाल सिंह यादव ने गुन्नौर पर अपना दावा ठोंकते हुए यहीं से ही चुनाव मैदान में उतरने का इरादा जताया था।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने दो दिन पहले साफ किया कि गुन्नौर सीट प्रसपा को नहीं दी जायेगी और उन्होंने सपा से रामखिलाड़ी यादव को प्रत्याशी घोषित कर दिया। अभी लोग इस पर विश्वास करते, इससे पहले चर्चा तेज हो गई कि सपा मुखिया अखिलेश यादव स्वयं गुन्नौर से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। कहा जा रहा था कि सपा हाईकमान ने गुन्नौर को लेकर अचानक पार्टी संगठन और नेताओं से जानकारियां मांगी थीं।
कई दिन से उत्साहित सपाई हुए मायूस
संभल। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के गुन्नौर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाओं से गुन्नौर ही नहीं पूरे जनपद के सपा नेता और कार्यकर्ता उत्साहित थे। नेताओं को उम्मीद थी कि अखिलेश यादव लड़ेंगे तो गुन्नौर में जीत के साथ ही जनपद की बाकी सीटों पर भी फायदा मिलेगा। अब साफ हो गया कि अखिलेश गुन्नौर से चुनाव नहीं लड़ेंगे तो सपाई निराश हैं। सपा के गुन्नौर विधानसभा अध्यक्ष अमित यादव का कहना है कि हम अखिलेश यादव जी के चुनाव लड़ने की चर्चा से उत्साहत थे। वह यहां से चुनाव लड़ते तो शानदार जीत दिलाकर भेजते।