गोरखनाथ ने की भूख से त्रस्त प्राणियों के प्राण की रक्षा
श्री कल्कि पधारो धरती पर श्रृंखला के तहत शिव गोरख मंदिर समिति द्वारा आयोजित मकर संक्रांति पर्व पर 41वीं बार भगवान गोरखनाथ का कमंडल भरा गया। बाल भोग...
संभल। हिन्दुस्तान संवाद
श्री कल्कि पधारो धरती पर श्रृंखला के तहत शिव गोरख मंदिर समिति द्वारा आयोजित मकर संक्रांति पर्व पर 41वीं बार भगवान गोरखनाथ का कमंडल भरा गया। बाल भोग कराकर मंदिर बाबा गोरखनाथ आलम सराय में खिचड़ी का भोग लगाया। खिचड़ी का प्रसाद वितरित कर संत महात्माओं व जरूरतमंदों को लिहाफ, वस्त और कंबल वितरित किए गए।
कार्यक्रम में पंडित राधेश्याम श्रीमाली ने कहा कि भगवान गोरखनाथ ने किलिष्ट योग मार्ग तो सहज योग बदला। साथ ही, मौनापुर, पौलावहन, चंद्रगिरि, भडच आदि गांवों और नगरों को अपने कमंडल से विशाल अन्न के भंडार प्रदान कर भूख से त्रस्त प्राणियों के प्राणों की रक्षा की। समिति जिला सचिव ज्वालेश श्रीमाली ने कहा कि मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं। जीवों पर दया करना और उनके हित को कर्म करना ही गुरु भक्त का सर्वोच्च रूप है। नागेंद्र मोहन श्रीमाली, कैलाश शर्मा ने भी विचार रखे। मुख्यातिथि हिन्दू युवा वाहिनी के जिला सचिव सचिन सिंह तोमर के अलावा सतीश सैनी, पप्पू सैनी, कैलाश शर्मा, ऋषिपाल सैनी, किशन आर्य, सुभाष आर्य, राजीव गुप्ता, पार्थ शर्मा, दिनेश मोहन श्रीमाली आदि रहे।