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जल्द वजूद में आएंगे चार गो आश्रय स्थल, नहीं भटकेंगे पशु

प्रदेश सरकार की व्यवस्था के तहत संभल जिले के पंवासा विकास खंड में जल्द ही चार और गो आश्रय स्थल वजूद में आ सकेंगे। विकास विभाग की ओर से गांवों में गो आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। गो...

जल्द वजूद में आएंगे चार गो आश्रय स्थल, नहीं भटकेंगे पशु
हिन्दुस्तान टीम,संभलSat, 07 Sep 2019 11:35 AM
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प्रदेश सरकार की व्यवस्था के तहत संभल जिले के पंवासा विकास खंड में जल्द ही चार और गो आश्रय स्थल वजूद में आ सकेंगे। विकास विभाग की ओर से गांवों में गो आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। गो आश्रय स्थल तैयार होने के बाद न तो पशुओं को इधर-उधर भटकना पड़ेगा और न ही फसलों को नुकसान होगा। किसानों को भी राहत मिल सकेगी।

सरकार के निर्देश पर संभल जिले के शहर व ग्रामीण इलाके में गोवंशीय पशुओं के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया था। जहां घूमने वाले पशुओं को रखकर उन्हें चारे और नहलाने की व्यवस्था की गई। विकास खंड पंवासा के गांव पंवासा, निबौरा और सिहावली में भी गो आश्रय स्थल का निर्माण हुआ था लेकिन कई गांवों में अब भी पशुओं के भटकने की तस्वीरें सामने आती हैं। पशुओं के घूमने की वजह से फसलों को नुकसान हो रहा है। इस हालात में किसान रात में जागकर फसलों की निगरानी कर रहे हैं। सबकुछ ठीक ठाक रहा तो आने वाले समय में किसानों की दिक्कतें दूर हो जाएंगी और पशुओं को भी ठौर ठिकाना मिल जाएगा। बीडीओ रेणु कुमारी ने बताया कि गांव थरैया जयसिंह, साकिन शोभापुर मुनजब्ता, भवानीपुर और बंजरपुरी में गो आश्रय स्थल का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद पशुओं को वहां ठहराया जा सकेगा।

मुख्य मार्ग पर पशुओं की वजह से हादसे का अंदेशा

संभल। संभल से बहजोई और गवां मार्ग पर शाम होते ही पशु आ जाते हैं। पशु सड़क पर बैठने के अलावा खड़े रहते हैं। वाहन गुजरते हैं तो करीब जाने पर ही चालक को पशु के मौजूद जानकारी होती है। पशुओं की वजह से हादसे का अंदेशा भी रहता है। अगर विकास खंड क्षेत्र में चार और गो आश्रय स्थल बन गए तो शायद पशु मुख्य मार्ग पर नहीं रहेंगे और हादसे की आशंका भी कम होगी।

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