संभल में वक्फ की 1601 प्रोपर्टी, पांच विवादित
संभल में वक्फ की अरबों रुपये की संपत्ति है। संपत्तियों के विवाद में वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले चुनौती देंगे। नया बिल पार्लिमेंट में पेश किया गया है।
संभल में वक्फ की अरबों रुपये की संपत्ति है। 1601 संपति यहां दर्ज हैं इनमें पांच प्रॉपर्टी विवादित हैं। जिनका ट्रिब्यूनल में केस चल रहा है। इनमें सैकड़ों प्रॉपर्टी पर अतिक्रमण भी है। इस समय जिला स्तर पर कोई विवाद लंबित नहीं है। वक्फ की संपत्तियों को लेकर मोदी सरकार ने गुरुवार को सदन में संशोधित बिल पेश किया। जिसमें कहा गया है कि नया कानून लागू होने के छह महीने के भीतर पोर्टल और डेटाबेस पर मौजूदा वक्फ संपत्तियों की जानकारी देना अनिवार्य होगी। संपत्ति वक्फ की है या नहीं, इसका फैसला राज्य वक्फ बोर्ड नहीं कर सकेंगे, निर्णय लेने का अधिकार जिलाधिकारी का होगा। केंद्रीय वक्फ काउंसिल और राज्य वक्फ बोर्डों को ज़्यादा व्यापक और सर्व समावेशी बनाने के लिए मुस्लिमों के विभिन्न वर्गों, महिला-पुरुषों की भागीदारी होगी और विवाद की स्थिति में वक्फ ट्रिब्यूनल के फ़ैसले को ऊंची अदालतों में चुनौती देने का प्रावधान होगा। बिल पेश होने के बाद संभल में भी इसका असर जल्द दिखाई देगा।
जिला अल्पसंख्य अधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि वाम्सी पोर्टल के अनुसार जनपद अभी भी मुरादाबाद के उप जनपद में दर्ज है। जिस कारण संभल में दर्ज 1601 वक्फ संपत्ति हैं। इनमें कई अमरोहा और मुरादाबाद जनपद में है। करीब 638 पॉपर्टी पर अतिक्रमण है। जिनकी पैमाइश कराकर निस्तारण कराया जा रहा है। जबकि, पांच प्रापट्री पर विवाद चल रहा है। जिसका केस ट्रिब्यूनल में चल रहा है।
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वक्फ संशोधन विधेयक पर भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार में पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया जाएगा और इसमें किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। बाकी बिल को पूरा पढ़ने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
- गुलाब देवी, राज्य मंत्री, माध्यमिक शिक्षा, प्रदेश सरकार
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जो बिल आज पेश हुआ है, उसे अभी कई प्रोसेस से गुजरना होगा। अभी तक जो जानकारी है, उसके अनुसार बिल में संशोधन कुछ गलत नहीं हो रहा है। यदि जमीन वक्फ की है तो वक्फ को मिले, वर्ना सरकार को जाए, अतिक्रमण नहीं हो। जिला कलेक्टर इसके लिए सर्वेसर्वा होते ही हैं। बाकी, बिल पास होने के बाद जब उसका अध्ययन किया जाएगा तब और चीजें क्लीयर हो पाएंगी।
- सरफराज नवाज, एडवोकेट, जिला न्यायालय
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