Hindi NewsUttar-pradesh NewsSambhal NewsControversy Erupts Over Ancient Well and Graveyard at Shahi Jama Masjid
शाही जामा मस्जिद के प्राचीन कुएं पर सरकारी हस्तक्षेप का आरोप, नोटिस जारी

शाही जामा मस्जिद के प्राचीन कुएं पर सरकारी हस्तक्षेप का आरोप, नोटिस जारी

संक्षेप: Sambhal News - शाही जामा मस्जिद में सर्वे के बाद 24 नवंबर को हुए बवाल के बाद प्रशासन ने कुएं को खुलवाने और कब्रिस्तान की सफाई का आदेश दिया। मस्जिद कमेटी ने इसका विरोध करते हुए कानूनी नोटिस जारी किया है, जिसमें आरोप...

Tue, 17 Dec 2024 01:49 AMNewswrap हिन्दुस्तान, संभल
share Share
Follow Us on

शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुआ बवाल अभी पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है। अब प्रशासन ने जहां मस्जिद के बाहर बने कुएं को खुलवाने व कब्रिस्तान की सफाई कर भूमि की जांच कराने को कहा तो मस्जिद कमेटी ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश सरकार, डीएम और नगर पालिका परिषद के अधिकारियों पर प्राचीन कुएं के स्वरूप को बदलने के प्रयास का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने इसको लेकर सोमवार को धारा 80 सीपीसी और धारा 326 म्यूनिसिपल एक्ट 1916 के तहत कानूनी नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में डीएम संभल को संबोधित करते हुए स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ऐसा कोई भी प्रयास न केवल अवैध होगा, बल्कि इससे मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी और समाज में तनाव का माहौल पैदा होगा।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

नोटिस में मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष वकील जफर अली की ओर से अधिवक्ता शकील अहमद वारसी ने नोटिस देते हुए लिखा है कि मस्जिद की पूर्वी दीवार के नीचे स्थित यह प्राचीन कुआं मस्जिद की संपत्ति है और वर्षों से मुस्लिम समाज के लोग इसका उपयोग वजु के लिए करते आ रहे हैं। मस्जिद प्रबंधन का दावा है कि कुएं का उपयोग केवल मुस्लिम समाज द्वारा किया गया है, और इसमें गैर-मुस्लिम समाज का कोई हस्तक्षेप नहीं रहा है। कमेटी का आरोप है कि नगर पालिका परिषद संभल और अन्य सरकारी अधिकारियों द्वारा कुएं और मस्जिद परिसर के हिस्सों, जैसे चबूतरे और कब्रिस्तान, पर सर्वेक्षण और स्वरूप बदलने की योजना बनाई जा रही है। यह कार्य उपासना स्थल अधिनियम, 1991 और उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन होगा, जिसमें पूजा स्थलों पर किसी प्रकार के बदलाव, मरम्मत, या नवनिर्माण पर रोक है। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि कुएं या मस्जिद परिसर के किसी भी हिस्से में हस्तक्षेप किया गया तो मस्जिद कमेटी मजबूरन न्यायालय में कानूनी कार्रवाई करेगा। इस स्थिति में उत्पन्न होने वाले सभी हर्जे-खर्चे और संभावित अशांति की जिम्मेदारी डीएम संभल, उत्तर प्रदेश सरकार और नगर पालिका परिषद सम्भल की होगी।

मुस्लिम समाज की धार्मिक भावना होगी आहत

कमेटी ने यह भी कहा कि इस तरह की गतिविधियों से मुस्लिम समाज की धार्मिक आस्था पर गहरा आघात होगा। नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया कि इस प्रकार के किसी भी कार्य से समाज में असंतोष और तनाव पैदा हो सकता है, जो क्षेत्र की शांति के लिए हानिकारक होगा।

वर्जन

मुझे ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलने पर उसके हिसाब से जवाब दिया जाएगा। कोर्ट का आदेश मस्जिद के अंदर के लिए है। कुआं व कब्रिस्तान मस्जिद से बाहर है। हमने कब्रिस्तान में कोई निर्माण नहीं बल्कि उसकी सफाई कराने को कहा है। कुआं लोगों के लिए बंद है उसे लोगों के उपयोग के लिए पुन: खोला जाएगा। जैसे पूर्व में खुला था।

- डा. राजेंद्र पैंसिया, जिलाधिकारी, संभल।