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CAA संभल बवाल: देररात दफनाए दोनों युवकों के शव

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आन्दोलन के बाद हुए बवाल में शुक्रवार को दो लोगों की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि दोनों की मौत गोली लगने से हुई थी। गोली कैसे लगी और किसने...

CAA संभल बवाल: देररात दफनाए दोनों युवकों के शव
हिन्दुस्तान टीम,संभलSun, 22 Dec 2019 12:25 PM
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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आन्दोलन के बाद हुए बवाल में शुक्रवार को दो लोगों की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि दोनों की मौत गोली लगने से हुई थी। गोली कैसे लगी और किसने मारी इसे लेकर पड़ताल की जा रही है। दोनों युवकों के दफन के दौरान किसी तरह का विरोध न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन दिन से लेकर देर रात तक कवायद में जुटा रहा। शनिवार देररात दोनों के शव परिजनों ने सुपुर्द-ए-खाक कर दिए।

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान शुक्रवार को संभल में चन्दौसी चौराहा समेत कई क्षेत्रों में उपद्रवियों ने बवाल किया था। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर बवालियों को खदेड़ा। इसी दौरान शहर के देहली दरवाजा निवासी ट्रक चालक शहरोज व शहबाजपुर खेड़ा निवासी बिलाल की मौत हो गई थी। पुलिस ने दोनों के शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। वहीं बिलाल के चाचा शमशीर शहरोज के परिजनों की तहरीर पर मुकदमा पुलिस ने मुकदमें दर्ज कर लिये थे। इन दोनों का पोस्टमार्टम शनिवार को दोपहर बाद बहजोई के निकट पोस्टमार्टम हाउस पर डाक्टरों ने किया। डा. पवन कुमार व उनकी टीम ने दोनों का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। डाक्टरों के अनुसार बिलाल की ठोड़ी पर एक गोली लगी थी जिसका बुलेट अंदर फंसा था। जबकि शहरोज के पेट में गोली लगी थी जोकि पेट को चीरते हुए पार निकल गई थी।

हंगामा टालने के लिए देर रात पहुंचे शव

संभल। शहरोज व बिलाल के शवों का पोस्टमार्टम जहां देर से हुआ वहीं उनके शव शनिवार देर रात को संभल पहुंचे। यह सब प्रशासन ने दोनों की मौत को लेकर किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को टालने के लिए किया। शाम छह बजे पुलिस की गाड़ियां दोनों शवों को लेकर संभल के लिए रवाना हुईं तो फिर अचानक यह गाड़ियां बहजोई के पास रोक दी गईं। इसके बाद रात 9 बजे के बाद इन गाड़ियों को संभल की तरफ रवाना किया गया। दफन के दौरान किसी कुछ न हो इसके लिए आईजी रमित शर्मा से लेकर जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह व पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद पल पल की जानकारी ले रहे थे। रात को सांसद डा. बर्क व उलेमाओं के साथ प्रशासन की बैठक में जब यह बात हुई कि पुलिस परिजनों को शव सौंप देगी और दफन के दौरान पुलिस प्रशासन मौजूद नहीं रहेगा तो फिर प्रशासन ने नई व्यवस्था के तहत शव परिजनों को सौंपने का काम शुरू किया। इसके बाद देररात परिजनों ने दोनों शव दफन कर दिए।

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