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टेम्पो पलटने से किशोर की मौत, आधा दर्जन घायल

तेज गति से आ रहा टेम्पों अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया। टेम्पों पलटने से एक ही परिवार के आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गये। दु़र्घटना के बाद टेम्पों चालक मौके से भाग गया। दुर्घटना की सूचना...

टेम्पो पलटने से किशोर की मौत, आधा दर्जन घायल
हिन्दुस्तान टीम,संभलWed, 05 Jul 2017 12:13 AM
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तेज गति से आ रहा टेम्पों अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया। टेम्पों पलटने से एक ही परिवार के आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गये। दु़र्घटना के बाद टेम्पों चालक मौके से भाग गया। दुर्घटना की सूचना पाकर मौके पर 108 एम्बुलेंस पहुंची। सभी घायलों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर डाक्टर ने एक किशोर को मृतक घोषित किया। महिला, किशार व अन्य सहित तीन गंभीर घायलों को रेफर कर दिया। बाकी घायलों को उपचार किया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था।थाना इस्लामनगर क्षेत्र के गांव भरतपुर निवासी चार वर्षीय मृतक अमित कुमार के पिता छत्रपाल पुत्र सोमपाल ने बताया कि वह चंडीगढ़ में मजदूरी करता है। पत्नी व बच्चों के साथ चंडीगढ़ ही रहता है। कुछ दिनों के लिए बच्चों के साथ घर आया हुआ था। सोमवार को राजघाट के खादराबाद जात लगाने परिवार के साथ गया था। मंगलवार को जात लगाकर टेम्पों से नरौली अपनी बहन के घर जा रहे थे। जैसे ही टेम्पों जनेटा गांव के पास पहुंचा। तभी अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया। टेम्पों पलटने से उसके पत्नी संतोष, उसकी दस वर्ष बेटी निशा व छह वर्ष की बेटी नेहा, पिता सोमपाल, माता कल्याणी, भाभी पूनम, दो वर्षीय भतीजा अंकित, बहन राजवती पत्नी मानसिंह, उसका बेटा अनिल सहित उसके भी काफी चोट आयी। इकलौते बेटे की मौत से मचा कोहराम अमित की मौत पर मां तो बेहेश होकर कमरे में गिर गयी। पिता के साथ दादा, दादी, बुआ का बुरा हाल था। उन लोगों के ह्दय विदारक विलाप व आंसुओ के सैलाब से पूरा अस्पताल गूंजने लगा। अन्य कार्य से अस्पताल आई महिलाओं की आंखे भी नम हो गयी। बात मान जाता तो पोता नहीं खोते किशोर की मौत पर रोते हुए दादा सोमपाल ने बताया कि टेम्पो वाला बहुत तेज चला रहा था। उसने बार बार टेम्पो चालक से टेम्पो को धीरे चलाने को कई कहा। लेकिन टेम्पो चालक ने उसकी बात नही मानी ओर टेम्पो की रफ्तार कम नही कि अगर उसकी बात मान गया होता चालक तो उसको आज अपना पोता नही खोना पडता। मुझको उठा लेता भगवान अपने इकलौते बेटे के शव पर पछाडे खाकर रोते हुए अमित का पिता छत्रपाल बस एक ही बात कह रहा था। मेरे लाडले ने भगवान को क्या बिगडा था। अगर भगवान को उठाना था तो उसको उठा लेता। मेरे लडले ने अभी संसार में कुछ देखा ही नही था। अपनी चोटों को सब भूल गये अमित की मौत से घायल परिजन अपनी चोटो को भूल गये। दादा व पिता व अन्य परिजन अमित को ठीक करने के लिए डाक्टर से गुहार लगाते रहे। सरकारी अस्पताल के डाक्टर ने अमित को मृतक घोषित करने के बाद पिता छत्रपाल ने अमित को निजी चिकित्सक के यहां ले गया।

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